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हैरी ने अपत्री अधिक उम्र वाली कुरूप पत्नी से केवल उसके धन की खातिर विवाह किया था। निःसंदेह उसके पास इस धन को खर्च करने के अनेक ढंग थे। वह अफ्रीका के जंगलों में घूमने गया हुआ था। तभी दलदल में से एक बड़ा घड़ियाल प्रकट हुआ और उसने उसकी पत्नी को अपने जबड़ों मे दबोच लिया और खींच कर ले जाने लगा, हैरी का रोआं तक नहीं हिला। जल्दी करो! इसे शूट करो! इसे सूट करो! अभागी पत्नी चिल्लाई। हैरी ने कंधे उचकाए, प्रिय, मुझे ऐसा करके अच्छा लगता, लेकिन मेरे कैमरे में फिल्म नहीं है।
मन में, जो यह सुनना चाहता है, वही सुनने की प्रवृति होती है। ऐसा कभी मत सोचो कि तुम मुझको सुन रहे हो। तुम इसे अनेक ढंगों से बदलते चले जाते हो। जब कोई बात तुम्हारी खोपड़ी में प्रवेश करती है तो तुम इसे सीधे ही. नहीं सुनते। पहले तुम इसको अपने खयालों के साथ मिश्रित कर देते हो, तुम यहां और वहां परिवर्तन कर देते हो। तुम कुछ बातों को छोड़ देते हो, कुछ बातें तुम इसमें जोड़ देते हो। निःसंदेह फिर यह धीरे- धीरे तुम्हारे अनुरूप होने लगता है और तुम अपने आपको समझा लेते हो कि यह वही है जो तुमसे कहा गया था।
लंदन की एक गली में आपाधापी के बीच एक आवारा चकरा कर गिर पड़ा और तुरंत ही उसके चारों ओर एक भीड़ एकत्रित हो गई।
बेचारे को थोड़ा सी व्हिस्की पिला दो, एक वृद्ध महिला ने कहा।
उसके ऊपर हवा करो, एक व्यक्ति बोला।
उसे थोड़ी सी व्हिस्की पिला दो, बूढी महिला पुन: बोली।
उसे अस्पताल ले जाओ, एक और आवाज आई।
उसे जरा सी व्हिस्की दे दो, बूढ़ी महिला ने दुबारा फिर से कहा।
यह बातचीत इसी तरह तब तक चलती रही जब तक वह उठ कर नहीं बैठ गया और चिल्लाया, क्या आप सब लोग चुप होकर उस की महिला की बात सुनेंगे।
उस समय भी जब तुम बेहोश हो, तुम उस बात को सुन सकते हो जिसको तुम सुनना चाहते थे; और जब तुम होश में हो उस समय भी तुम उस बात को नहीं सुन रहे हो जो तुमसे कही जा रही है।
एक भिखारी यहां मुझको सुनने आता है। उस भिखारी ने मुख्य सड़क पर एक आदमी से कहा : मुझको कॉफी के एक कप के लिए कुछ पैसे दे दो। उस आदमी ने कहा : लेकिन केवल दस मिनट पहले ही मैंने तुम्हें अठन्नी दी थी। उस भिखारी ने कहा : अरे, अतीत में जीना छोड़ भी दो। मैं लगातार तुमको अतीत में जीना छोड़ना सिखा रहा हूं-बिलकुल सही है उसकी बात।