Book Title: Patanjali Yoga Sutra Part 05
Author(s): Osho
Publisher: Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 464
________________ थे? – लेकिन यह एक गुप्त बात हो गई है। जब विक्षिप्त लोग अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो जाते हैं और राजनीति ताकतवर हो जाती है तो हंसी छिप जाती है। यह एक व्यक्तिगत, अंतरंग संबंध बन जाती है महाकश्यप ने चुपचाप अपना संदेश किसी को दे दिया होगा और फिर उसने किसी और को दे दिया होगा और इसी प्रकार से किसी ने बोधिधर्म को दिया होगा। बोधिधर्म चीन किसलिए गया था? झेन बौद्ध लोग शताब्दियों से पूछते रहे हैं, क्यों? यह बोधिधर्म चीन क्यों गया था? मैं जानता हूं उसका कारण है। चीनी लोग भारतीयों से अधिक प्रसन्न, जीवन और छोटी-छोटी चीजों से अधिक आनंदित अधिक बहुरंगी अभिरुचियों वाले हैं। यही कारण होना चाहिए कि क्यों बोधिधर्म ने इतनी लंबी यात्रा की, उन लोगों को खोजने और पाने के लिए जो उसके साथ हंस सकें, और जो लोग गंभीर नहीं थे, न ही महान विद्वान और दर्शनशास्त्री और यह और वह थे, उसने सारा हिमालय पार किया। नहीं, चीन ने वैसे महान दर्शनशास्त्री उत्पन्न नहीं किए जैसे भारत ने। उसने लाओत्सु और च्चांगत्सु जैसे कुछ महान रहस्यदर्शी निर्मित किए, लेकिन वे सभी हंसते हुए बुद्ध थे। बोधिधर्म की चीन की ओर जाने की खोज को उन लोगों की खोज होना चाहिए जो गैरगंभीर, हलके थे। - यहां पर मेरा पूरा प्रयास तुमको गैर-गंभीर, हंसता हुआ, हलका बना देने का है। मेरे पास लोग, खास तौर से भारतीय, शिकायत करने आते हैं कि आप किस प्रकार के संन्यासी निर्मित कर रहे हैं? वे संन्यासी जैसे नहीं दिखाई पड़ते संन्यासी को गंभीर व्यक्ति, लगभग मुर्दा, एक लाश की भांति होना चाहिए। ये लोग हंसते हैं और नृत्य करते हैं और एक-दूसरे का आलिंगन करते हैं। अविश्वसनीय है यह! संन्यासी यह कर रहे हैं? और मैं उनसे कहता हूं और कौन? और कौन यह यह कर सकता है ? - केवल संन्यासी लोग ही हंस सकते हैं। इसलिए विद्या, बहुत अच्छा - हंसो, आनंदित होओ, और और हलकी हो जाओ। तीसरा प्रश्न: आपका प्रत्येक प्रवचन जीवन में एक नया गुण लेकर आता है। कभी-कभी मैं आपकी उपस्थिति से ओत-प्रोत होकर बाहर निकलती हूं, तो कभी - कभी दिग्भ्रमित और इसके साथ ही समृद्ध, नई होकर बाहर आती हूं। मैं जीवन के द्वारा प्रेम कियाजाना और प्रेमपूर्ण अनुभव करती हूं। कभी सबसे मधुर दर्शन के बाद भी मैं गहराई से हताश अनुभव करती हूं। क्या आप इसके बारे में कुछ कहेंगे?

Loading...

Page Navigation
1 ... 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471