________________ आज इतना ही। प्रवचन 96 - बिना तुम्हारे किसी निजी चुनाव के प्रश्नसार: 1-मैं आपके और रुडोल्फ स्टीनर के उपायों के बीच बंट गया है? 2-प्रकृति के सान्निध्य में ठीक लगता है, लोगों के साथ नहीं, यह विभाजन क्यों? 3-स्त्री के रूप मैं मेरे लिए संबोधि क्या है? 4-क्या हम वास्तव में अपने जीवन में घटित होने वाली चीजों को चुनते हैं? पहला प्रश्न: ओशो, मेरा लालन पालन रुडोल्फ स्टीनर की शिक्षाओं के बीच हुआ है, किंतु अभी तक मैं उसके प्रति अपने मन के अवरोधो को नहीं तोड़ पाया हूं। यद्यपि मेरा विश्वास है कि पश्चिम को जो रास्ता उसने दिखाया, 'उचित ढंग से विचार करना खीखना अपने आपको माया से मुक्त करने की संभावना है। उसका कहना है कि ऐसा करके और ध्यान करके हम अपने अहंकारों को खोज और अपने मैं को पाने में समर्थ हो जाते है। उसके लिए केंद्रीय व्यक्ति क्राइस्ट है, जिनको वह जीसस से पूर्णत: भिन्न व्यक्तित्व के रूप में अलग कर देता है। आपके उपाय मुझको अलग प्रतीत होते है। क्या आप कृपा करके मुझको सलाह दे सकते है? एक प्रकार से मैं तो आपके और उस उपाय के बीच जो स्टीनर दिखाता है, बंट जाता हूं। रुडोल्फ स्टीनर एक महान मनीषी था, लेकिन तुम ध्यान रखो, मैं कहता हूं एक महान मनीषी, और मन को, जैसा यह है, धर्म से कुछ भी लेना-देना नहीं है। आत्यंतिक रूप से प्रतिभाशाली था वह।