________________ आरंभ हो गया है। तुम स्वप्न देख रहे हो कि तुम देश के राष्ट्रपति हो गए हो या तुम्हें सड़क पर सोने की एक ईंट मिल गई है, या तुम्हें कोई सुंदर स्त्री या पुरुष मिल गया है, और अचानक तुम कल्पनाओं का प्रक्षेपण आरंभ कर देते हो; स्वप्न सक्रिय हो जाते हैं। यदि तुम लंबे समय तक स्वप्न देखना जारी रखो तो एक क्षण ऐसा आएगा जब तुम सो जाओगे-सोचना, स्वप्न देखना, सो जाना और निद्रा, पन, स्वप्न देखना और सोचना-इसी भांति तुम्हारा सारा जीवन-चक्र घूमता है। वास्तविक जागरूकता अभी जानी नहीं गई है, और यही वह जागरूकता है जिसके लिए पतंजलि कहते हैं कि यह अज्ञान को नष्ट कर देगी-जानकारी नहीं, बल्कि जागरूकता अज्ञान को नष्ट कर देगी। हम बस स्वयं को और अन्य लोगों को मुर्ख बनाने के लिए जानकारी एकत्रित करते हैं। मैंने सुना है, एक छोटे से विद्यालय में ऐसा हुआ कि कक्षा में आकर विद्यालय निरीक्षक ने पूछा, जेरिको की दीवाल किसने गिराई? और विद्यार्थियों में से एक लड़के ने जिसका नाम बिली ग्रीन था, तुरंत उत्तर दिया, श्रीमान, मैंने यह नहीं किया है। निरीक्षक अनभिज्ञता के इस प्रदर्शन पर हैरान रह गया और अपने निरीक्षण के समापन पर उसने सारा मामला प्रधानाध्यापक को बताया। क्या आप जानते हैं, उसने कहा, मैंने कक्षा में जाकर पूछा, जेरिको की दीवाल किसने गिराई, और एक छात्र बिली ग्रीन ने कहा कि यह उसने नहीं किया है। प्रधानाध्यापक ने कहा : बिली ग्रीन? ओह, अच्छा.. .मझे यह कहना पड़ रहा है कि मैंने इस लड़के को सदैव ईमानदार और भरोसे लायक पाया है, और यदि वह कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया है, तो उसने ऐसा नहीं किया है। निरीक्षक कोई और टिप्पणी किए बिना विद्यालय से चला गया, किंतु बिना कोई समय गंवाए उसने घटनाओं का पूरा क्रम लिखित रूप में शिक्षा मंत्रालय को भेज दिया। कुछ समय बाद उसे यह उत्तर प्राप्त हुआ, महोदय, जेरिको की दीवाल के संदर्भ में प्राप्त आपके पत्र के बारे में हमें सूचित करना है कि यह लोकनिर्माण मंत्रालय का मामला है, इसलिए उनके ध्यानाकर्षण हेतु आपका पत्र उनके पास भेज दिया गया है। किंतु कोई भी इस साधारण तथ्य को नहीं पहचानना चाहता है कि वे नहीं जानते। प्रत्येक व्यक्ति प्रयास करता है, चाहे प्रश्न जो भी हो, प्रत्येक व्यक्ति उत्तर देने का प्रयास करता है। यदि तुम प्रयास करो तो अनेक बार तुम स्वयं को ऐसा करते हुए रंगे हाथ पकड़ लोगे। कोई व्यक्ति कुछ पूछता है, कोई व्यक्ति कुछ ऐसी बात करता है जिसके बारे में तुम नहीं जानते, किंतु तुम टिप्पणी करना, राय देना या कुछ ऐसी बात या ऐसा कुछ कहना आरंभ कर देते हो जिससे तुमको अज्ञानी न समझा जाए, कोई यह न सोचे कि तुम अज्ञानी हो। किंतु जागरूकता का प्रथम आरंभ इस प्रत्यभिज्ञा से होता है कि तुम अज्ञानी हो। अज्ञान को नष्ट तो किया जा सकता है लेकिन इसको पहचाने बिना नहीं। जब जॉर्ज गुरजिएफ का महान शिष्य पी. डी. आस्पेंस्की पहली बार अपने सदगुरु से मिला, तो वह पहले से ही बहुत प्रसिद्ध, संसार का सुपरिचित व्यक्ति था। गुरजिएफ प्रसिद्ध नहीं था, आस्पेंस्की पहले से ही बहुत विख्यात था। वह इस बीसवीं सदी की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में से एक 'टर्शियम