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कम से कम प्रश्नकर्ता तो आनंदित नहीं हो सकता है, क्योंकि वह व्यक्ति जो आनंद ले सकता है
कभी प्रश्न न पूछेगा।
यह प्रश्न ही दर्शाता है कि तुम्हारे लिए अकेले आनंद ले पाना असंभव होगा। तुम्हारा एकांत बदतर हो जाएगा और अकेलापन बन जाएगा। तुम्हारा एकांत कोई परिपूर्णता नहीं होगा, तुम्हारा एकांत अकेलापन होगा - रिक्त |
हां, भय के कारण तुम इसमें रुके रह सकते हो। पानी से भीग जाने के भय के कारण, आग में घिर जाने के भय के कारण; भय के कारण तुम रुक सकते हो। अनेक लोग रुक गए हैं। आश्रमों में जाओ, पुराने आश्रमों में जाकर देखो, अनेक लोग भय के कारण रुके हैं।
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संबंध एक अग्नि है; यह दग्ध करता है। यह दुष्कर है। किसी के साथ रह पाना करीब-करीब असंभव है। यह एक सतत संघर्ष है। अनेक लोग भाग गए हैं, लेकिन कायर हैं वे। वे वयस्क नहीं हैं, उनका प्रयास बचकाना है। हां, वे अधिक सुविधापूर्ण।' जीवन जीएंगे, यह सच है। जब वहां कोई दूसरा नहीं है, तो निःसंदेह सब कुछ सरलता से चलता है। तुम अकेले रहते हों किसके साथ क्रोधित होना है? किसके साथ ईर्ष्यालु होना है? किसके साथ संघर्ष करना है? लेकिन तुम्हारा जीवन सारा स्वाद खो देगा। तुम स्वादहीन हो जाओगे, जीवन का कोई रस तुममें न होगा।
अनेक लोग जीवन से भाग जाते हैं क्योंकि जीवन अतिशय है और वे स्वयं को इससे निबटने में सक्षम नहीं पाते हैं। मैं यह सुझाव नहीं दूंगा; मैं कोई पलायनवादी नहीं हूं। मैं तुमसे तुम्हारे जीवनपथ में संघर्षरत रहने को कहूंगा, क्योंकि अधिक सजग और होशपूर्ण रहने का यही एक मात्र रास्ता है। इतना संतुलित हो जाना है कि कोई भी तुम्हें असंतुलित न कर पाए, इस कदर शांत हो जाना है कि दूसरे की उपस्थिति कभी तुम्हें विचलित न कर सके। दूसरा तुम्हारा अपमान कर सकता है किंतु तुम उत्तेजित नहीं होते। दूसरा ऐसी परिस्थिति पैदा कर सकता है जिसमें सामान्यत: तुम पागल हो ग होते, लेकिन अब तुम पागल नहीं होते। तुम परिस्थिति को उच्चतर चेतना के लिए सीढ़ी के रूप में प्रयोग कर लेते हो।
जीवन को एक परिस्थिति, अधिक चेतन, अधिक संतुलित, अधिक केंद्रित और अपनी जड़ों से गहराई में जुड़ने के अवसर के रूप में प्रयुक्त किया जाना चाहिए। यदि तुम भाग जाते हो, तो यह ऐसे हुआ जैसे कोई बीज मिट्टी से भाग जाए और ऐसी गुफा में जा छिपे जहां जरा भी मिट्टी न हो केवल पत्थर हों। बीज सुरक्षित हो जाएगा। मिट्टी में बीज को मरना पड़ेगा, मिटना पड़ेगा। जब बीज मिटता है तभी पौधा अंकुरित होता है। फिर खतरे आरंभ हो जाते हैं। बीज के लिए कोई खतरा नहीं था. उसे किसी पशु हीं खाया होता, और किसी बच्चे ने उसे नहीं तोडा होता। अब एक सुंदर हरा अंकुर और सारा संसार उसके विरोध में प्रतीत होता है : हवाएं आती हैं और वे इसे जड़ से उखाड़ने का प्रयास