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समाप्त। समाज तुम्हें फूलमाला पहनाता है और तुम्हारा सम्मान करता है और कहता है, आप एक बहुत अच्छे आदमी हैं। समाप्त हो गई समाज की तुम्हारे प्रति चिंता, समाज को अब तुमसे कोई परेशानी न रही, लेकिन स्वयं तुम्हें अभी बहुत दूर जाना है, यात्रा अभी पूरी नहीं हुई है। बुरी आदत समाज के विरुद्ध है, और आदत जैसी कि वह है तुम्हारे मूल स्वभाव के विरुद्ध है।
एक पिस्सू बंद होने से ठीक पहले एक शराबखाने में दौड़ता हुआ पहुंचा, पांच डबल स्कॉच का आर्डर किया, उन्हें वह गटागट पी गया, गली की ओर भागा, हवा में ऊपर की ओर उछला और मुंह के बल जमीन पर आ गिरा। किसी तरह से वह उठ कर खड़ा हुआ और इधर-उधर देख कर बड़बड़ाया, हद हो गई, किसी ने यहां से मेरा कुत्ता भगा दिया।
अनेक जन्मों से तुर पी रहे हो और अचेतनता के कारण पिए जा रहे हो। प्रत्येक व्यक्ति नशेबाज है, और निःसंदेह तुम बार-बार गिरते चले जाते हो।
यही गहन समस्या है, सजग कैसे हआ जाए, कैसे अचेतन न रहा जाए, आरंभ कहां से करें? किसी गहरी जड़ों वाली आदत से संघर्ष करने की कोशिश मत करो। तुम हार जाओगे। फर का कोट तुमको इतनी आसानी से नहीं छोड़ेगा। बहुत सामान्य बातों से आरंभ करो।
उदाहरण के लिए, तुम टहलने जाते हो; बस सजग हो जाओ कि तुम टहल रहे हो। यह एक सामान्य बात है। इसमें कुछ भी नहीं जा रहा है। तुम वृक्षों को देख रहे हो; बस वृक्षों को देखो और सजग हो जाओ। धुंधली आंखों से मत देखो। सारे विचारों को छोड़ दो। बस कुछ क्षणों के लिए ही, जरा वृक्षों को देखो- और बस देखो। सितारों को देखो 1 तैरते हुए, बस उस आंतरिक अनुभूति के प्रति सजग हो जाओ, जो तुम्हारे शरीर के भीतर तब होती है जब तुम तैर रहे होते हो, अंतस की अनुभूति। इसे अनुभव करो। तुम धूपस्नान ले रहे हो, अनुभव करो तुमको भीतर कैसा लगने लगा है : उष्णता, विश्राम, ठहराव। जब सोने जा रहे हो, जरा देखो तुमको भीतर कैसी अनुभूति हो रही है। भीतर-बाहर, चादर की ठंडक के प्रति, कमरे में व्याप्त अंधकार के प्रति, बाहर के मौन के प्रति, या बाहर के शोरगुल के प्रति सजग होने का प्रयास करो। अचानक एक कुत्ता भौंकता है-सामान्य बातें; पहले अपनी चेतना को उन पर लाओ। और फिर धीरे-धीरे आगे बढो।
फिर अपनी अच्छी आदतों के प्रति सजग होने का प्रयास करो, क्योंकि अच्छी आदतों की जड़ें उतनी गहरी नहीं होती जितनी बुरी आदतों की। अच्छी आदतों को तुम्हारे कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है, इसलिए बहत कम लोग अच्छी आदतें डालने का प्रयास करते हैं। और वे लोग जो अच्छी आदतें डालने का प्रयास करते हैं बहुत कम अच्छी आदतें डालने की कोशिश करते हैं, बस उनकी ओट में अनेक बुरी आदतें जारी रहती हैं।
पहले सामान्य बातों के प्रति, फिर अच्छी आदतों के प्रति और फिर धीरे-धीरे बुरी आदतों के प्रति सजग होते जाओ। और अंतत: स्मरण रखो कि प्रत्येक आदत के प्रति सजग होना है। एक बार तम