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एक आदमी घुड़दौड़ में अपनी सारी बचत गंवा बैठा, और उसका दिल ऐसा टूटा कि वह वाटरलू पुल पर चढ़ गया और नीचे कूदने को तत्पर हुआ। अचानक उसके कान में एक भूतिया आवाज फुसफुसाई, कूदो मत। कल दुबारा घुडूदौड़ के मैदान में जाओ और मैं तुम्हें बताऊंगा कि किस घोड़े पर दांव लगाना है। वह आदमी घर चला गया और अगले दिन उसने कुछ रुपयों का इंतजाम किया और वह घुड़-दौड़ के मैदान में चला गया। जब वह खिड़की पर लाइन में लगा था, तो भूतिया आवाज ने कहा, जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसे पहली रेस में प्ल पीटर पर लगा दो। उसने यही किया और प्ल पीटर जीत गया। जब वह दूसरी रेस की प्रतीक्षा कर रहा था, तो उस आवाज ने कहा, दांव लगाने के लिए लिबरटी बैले ठीक है। यही हुआ लिबरटी बैले जीत गया और उस आदमी के पास धन आ गया। यही चलता रहा, और जब घुड़दौड़ सिमट रही थी वह आदमी दस लाख रुपये जीत चुका था। जब वह अंतिम दांव के लिए लाइन में खड़ा हुआ तो उस आवाज ने फुसफुसा कर कहा, अंतिम रेस में बिलकुल भी दांव मत लगाओ। फिर भी उस आदमी ने खुद को किस्मत वाला मानते हुए अंतिम रेस में अपने मन पसंद घोड़े पर सारा धन दांव पर लगा दिया। वह हार गया ।
'अरे नहीं', जैसे ही परिणाम की घोषणा की गई वह चिल्लाया, 'अब मैं क्या करूं?'
'अब तुम वाटरलू के पुल से छलांग लगा सकते हो, आवाज ने कहा ।
यही मेरा उत्तर है। अब फैसला तुम्हारे हाथ में है।
आज इतना ही।
प्रवचन 91 कृत्रिम मन का परित्याग
योग - सूत्र:
(कैवल्यापाद)
जन्मौषधिमन्वतप समाविजा: सिद्धयः ।। 1//
सिद्धियां जन्म के समय प्रकट होतीं हैं, इन्हें औषधियों से, मंत्रों के जाप से, तपश्चर्याओं से या समाधि से भी अर्जित किया जा सकता है।