________________
अब यह समस्या है? जब तुम पृथ्वी से चालीस हजार फीट की ऊंचाई पर हो, तो क्या यह समस्या है? सारा जीवन दांव पर लगा हुआ है? और वह भी स्वप्न में और वह थकान अनुभव कर रहा है। मैंने सुना है, एक पार्क की बेंच पर दो भिखारी बैठे हुए बातचीत कर रहे थे। मैं बस वहां से गुजर रहा था। एक भिखारी ने कहा. मैंने सपना देखा कि मुझे अच्छी नौकरी मिल गई है।
दूसरा बोला. हां, तुम थके हुए दिखाई दे रहे हो।
मुहूता त्यागो। काम समस्या नहीं है काम तुम्हारी जीवन ऊर्जा है। इसे स्वीकारो । यदि तुम स्वीकार करो तो ही इसका रूपांतरण किया जा सकता है। यदि तुम इसको इनकार करते हो, तुम उपद्रव में रहोगे। यदि तुम इससे संघर्ष करो, तो तुम किसके साथ संघर्ष कर रहे हो? जरा सोचो, स्वयं के साथ आधे-आधे, विभाजित अपने आप से लड़ रहे हो तुम, निःसंदेह तुम और-और पंगु होते चले जाओगे। स्वयं से कभी संघर्ष मत करो।
साधना कोई संघर्ष नहीं है, यह कोई द्वंद्व नहीं साधना एक गहरी समझ, एक रूपांतरण, एक जागरुकता है, जिसमें तुम्हारा प्रेम करना, स्वयं को स्वीकार करना और समझ के माध्यम से ऊंचे और ऊंचे होते जाने का आरंभ है। अपने अस्तित्व से किसी को भी निकालना नहीं है। हर चीज वैसी ही है जैसा उसे होना चाहिए। इसको उच्चतर लयबद्धता के लिए उपयोग करना पड़ता है, बस यही है सारी बात वीणा को फेंकना नहीं है। यदि तुम इसे बजाना नहीं जानते तो बजाना सीख लो। वीणा में कुछ भी गलत नहीं है। यदि तुम बजा नहीं सकते, और फिर भी तुम वीणा बजाओ तो निःसंदेह तुम विक्षिप्त शोर ही पैदा करोगे पड़ोसी जाएंगे और पुलिस थाने में तुम्हारी रिपोर्ट कर देंगे तुम्हारी पत्नी फौरन तुम्हें तलाक दे देगी। तुम्हारे बच्चे मायूस हो जाएंगे और तुम स्वयं एक उपद्रव में रहोगे, क्योंकि यदि तुम नहीं जानते कि वीणा कैसे बजाई जाए, कोई वाद्ययंत्र कैसे बजाया जाए, हूं? तो तुम स्वयं में ही और और बिना सुर-ताल के होते जाओगे।
-
लेकिन स्मरण रखो कि वीणा में कुछ भी गलत नहीं है। तुम्हें पता नहीं कि इसे किस भांति बजाया
जाए।
काम-ऊर्जा एक प्रचंड ऊर्जा है। तुम नहीं जानते कि इससे किस भांति संगीत उत्पन्न किया जाए। और सदियों से तुमको इसके विरोध में पढ़ाया गया है। जरा देखो तो तुम्हारे धार्मिक व्यक्तियों ने संसार के साथ क्या कर डाला है। वे काम के विरुद्ध सिखाते रहे हैं, और उनकी शिक्षाओं के कारण काम और और महत्वपूर्ण होता चला जाता है सारा संसार करीब-करीब विक्षिप्त ढंग से कामुक है। कुछ इसमें इस प्रकार से संलग्न हैं, जैसे कि जीवन में कुछ और है ही नहीं, और कुछ इससे इस भांति भाग रहे हैं जैसे कि इसके अतिरिक्त जीवन में कुछ नहीं रहा। कुछ तो बस भाग रहे हैं और कुछ बस संघर्ष कर रहे हैं। दोनों ही अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं।