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ठीक है, चिकित्सक ने कहा, मुझे भय है, आपको इस सब में कमी करनी पड़ेगी। क्या? वृद्ध व्यक्ति कम सुनाई पड़ने के कारण नहीं बल्कि आश्चर्य के कारण चिल्ला कर बोला!
आपको इस सब में कटौती करनी पड़ेगी, चिकित्सक ने चिल्ला कर कहा।
बस, ज्यादा बेहतर सुनने के लिए? वृद्ध व्यक्ति ने कहा, नहीं, धन्यवाद।
केवल जटिलताओं से बचने के लिए? नहीं, कभी नहीं। यह तो कायर का ढंग है। समस्याओं से कभी मत भागों। वे सहायक हैं आत्यांतिक रूप से सहायक हैं। विकास की स्थितियां हैं वे।
और यदि तुम किसी स्त्री की खोज में हो तो गौ जैसी पाने का प्रयास न करो। फिर कम जटिल हो जाएगी यह बात। एक असली स्त्री को खोजो जो तुम्हें हर तरह की झंझट में डालेगी। तभी तुम्हारे साहस की परख होगी।
एक नवयुवक ने सुकरात से पूछा, महोदय, क्या मैं विवाह करूं? और इसीलिए उसने सुकरात से पूछा क्योंकि वह सोच रहा था कि विवाह न करना पड़े। और तब उसे यह बात पूछने के लिए बिलकुल ठीक आदमी मिल गया, क्योंकि अपनी पत्नी के कारण सुकरात ने बहत कष्ट उठाए थे। वह सच में भयंकर थी, मगरमच्छ जैसी। वह सुकरात को पीटा करती थी, उसने उसके चेहरे पर गर्म चाय की केटली उड़ेल दी थी और उसे जला दिया था-उसका आधा चेहरा सारे जीवन जला हुआ ही रहा। इतना सुंदर व्यक्ति, इतना सुंदर इनसान सुकरात जैसा, और उसे बहुत भयंकर स्त्री मिली थी। इसीलिए इस नवयुवक ने पूछा। सुकरात ने कहा : हां, अगर तुम मेरी बात सुनो तो विवाह कर लो। दो संभावनाएं हैं। यदि पत्नी मेरी पत्नी जैसी हो तो तुम मेरी तरह के महान दार्शनिक बन जाओगे। और यदि तुम्हें: कोई सुशील पत्नी मिल गई तो निःसंदेह तुम अपने जीवन का आनंद लोगे। दोनों संभावनाएं अच्छी ही हैं।
उसने कहा : तुम मेरी तरह के एक महान दार्शनिक बन जाओगे, बस लगातार बकझक, यह ध्यान में एक बड़ी सहायता है। धीरे-धीरे व्यक्ति अनासक्त होने लगता है। उसे होना ही पड़ेगा। व्यक्ति को अनुभव होने लगता है, यह सब कुछ भ्रम है, माया है।
इसलिए जीवन में जटिलताओं से मत बचो, क्योंकि जीवन का मतलब ही है जटिलताएं। सीखो उनसे होकर गुजरो, क्योंकि विकसित होने का यही एकमात्र ढंग है।
एक आवारा व्यक्ति ने किसी का दरवाजा खटखटाया, एक लंबी-चौड़ी विशाल और कठोर चेहरे वाली स्त्री ने दरवाजा खोला।
भागों यहां से, तुम कमबख्त आवारा, वह चिल्लाई। अगर तुम गए नहीं तो मैं अपने पति को बुलाती