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देशी शब्दकोश
अंबसमी-गूंदा हुआ बासी गीला आटा (दे ११३७) । अंबाडग-बहुबीज वाला आम्रातक फल (प्रज्ञा ११३६) । अंबाडगधवि-खाद्यपदार्थ-विशेष (अंवि पृ ७१) । अंबाडिय-तिरस्कृत (बृटी पृ ५४) । अंबिर-आम्र (दे १११५) ।। अंबिलिका-इमली (अंवि पृ ७०) । अंबुसु---सिंह से भी अति बलवान पशु, शरभ (दे ११११)। अंबेट्रिआ–मुष्टिद्यूत, बालकों द्वारा मुट्ठी से खेला जाने वाला जूआ-'मा रम
__अंबेट्टिआइ पुत्त ! तुम' (दे ११७ वृ)। अंबेट्टी--मुष्टिद्यूत, बच्चों की क्रीडा-विशेष जो 'एकीबेकी' के रूप में खेली
जाती है. (दे ११७)। अंबेल्ली-खट्टी राब-'एहि किराइं सीतलीहोति अंबेल्ली'
(आवचू १ पृ १११)। अंबेसी–घर का द्वार-फलक (दे ११८) । अंबोच्ची-फूलों को चुनने वाली स्त्री (दे श६)। अकंडतलिम-१ निःस्नेह । २ अविवाहित (दे ११६०) । अकरंड्य-मांस के उपचित होने के कारण जिसके पीठ के पास की हड्डी
दिखाई न पड़े (प्र ४।७ टी प ८१)। अकारय-भोजन की अरुचि, रोग-विशेष (ज्ञा १११३।२८)। अकासि-निषेध-सूचक अव्यय, पर्याप्त (दे ११८)। अकोप्प-रम्य (प्र ४१८) । अक्क-दूत (दे श६)। अक्कंत-प्रवृद्ध, बढ़ा हुआ (दे ११९)। अक्कंद-परित्राता, रक्षा करने वाला (दे १।१५) । अक्कबोंदि-वल्ली-विशेष (भ २२१६)। अक्कसाला--१ बलात्कार । २ उन्मत्त-सी स्त्री (दे ११५८)। अक्का -भगिनी, बहिन (दे ११६) । अक्का (कन्नड)। अक्कुठ्ठ---अध्यासित, अधिष्ठित (दे ११११) । अक्कोड-बकरा (दे १११२)। अक्कोडिय---चुभाना, घुसाना-'तंबियाओ सुईओ... वीससु वि अंगुलीनहेसु
अक्कोडियाओ' (बृटी पृ ५७) ।
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