________________
३६४
देशी शब्दकोश वच्चाचिप्पय-तृण-विशेष को कूटकर बनाया हुआ (रजोहरण)
(बृटी पृ १०२१)। वच्चाडक-अपान-'अवाणे वच्चाडकगतं बूया' (वि पृ २२२) । वच्चापिच्चिय-वल्वज नाम की मोटी घास को कूटकर बनाया हुआ
(रजोहरण) (बृ २।२६) । वच्चिक्का--स्तबक, बिन्दु (व्यभा ७ टी प ६७)। वच्छ—पार्श्व, समीप (दे ७।३०) । वच्छाणी-गजपीपर की वल्ली (प्रज्ञा ११४०१४) । वच्छिउड-गर्भाशय-वच्छिउडो गर्भाश्रय इत्यन्ये' (दे ७।४४ वृ)। वच्छिमअ-गर्भाशय (दे ७।४४) । वच्छोउत्त-नापित, नाई (दे ७।४७) । वच्छीव-गोप, ग्वाला (दे ७।४१)। वज्जरण-कथन (प्रा ४।२) । वज्जरा-नदी (दे ७।३७) । वज्जरिय-कथित (प्रा ४।२)। वज्जलाढ-म्लेच्छ-'अरे वज्जलाढा ! एस पंथो कहिं वच्चइ ? वज्जलाढा
नाम मेच्छा' (आवहाटी १ पृ १४१) । वज्जा-१ माता, देवी-विशेष (अनुद्वाचू पृ १३) । २ अधिकार
(दे ७।३२)। वज्जिअ-१ अवलोकित, दृष्ट (दे ७३६) । २ बजाया हुआ। वज्जियाव- इक्षु-वज्जियावो नाम देशीवचनत्वादिक्षुः'
(व्यभा २ टी प २२) । वाज्जियावग--इक्षु-'वाजियावगो उच्छु इति' (व्यभा २ टी प २२)। वज्जिर-लोकवाद्य-विशेष (कु पृ ६६) । वज्झार--एक प्रकार का शिल्पी (प्रज्ञा १९७) । वज्झक्क-वाह्य क्रीडा-विशेष, एक प्रकार की क्रीड़ा जिसमें पीठ पर बैठा
__ जाता है-'अण्णया वज्झुक्केण रमंति' (आवहाटी २ पृ २१७) । वट-१ एक प्रकार का लड्डू (प्र १०१६) । २ प्याला (अनु ३।३६) ।
३ छात्र-'उवज्झायनि उत्ता वट्टा दिवसे दिवसे धणुगेहिं गहिएहिं रक्खंति' (आवहाटी २ पृ ४७) । ४ नट आदि की विद्या से आजीविका कमाने वाला-'जूइयरसोलमेंटा वट्टा' (आवहाटी २ पृ ६८) । ५ लोढा, शिला
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org