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परिशिष्ट २
खुड (तुड्) - तोड़ना ( प्रा ४।११६ ) । खुडुक्क (खुट्शब्दं कृ ) - खुट् शब्द करना ।
खुडुक्क- १ शल्य की तरह चुभना, खटकना (आटी प २२ ) । २ गुस्से से मौन रहना । ३ नीचे उतरना । ४ स्खलित होना । ५ प्रारंभ करना ।
खुड़क्क ( अप + क्रमय् )
हटाना ।
खुड्ड (तुड्) - तोड़ना - ' से तिलसंगलियं खुड्डुइ' (भ १५/७४) । खड्ड ( मृद्)
- मसलना ।
खुड्डुक्क – १ नीचे उतरना । २ स्खलित होना । ३ शल्य की तरह चुभना । ४ गुस्से से मौन होना ।
खुप्प (प्लुष् ) – जलाना ।
खुप्प ( मस्ज्) - मज्जन करना, डूबना (ओनि २४ ) । खुप्प - फेंकना ।
खुम्म ( क्षुध् ) – भूख लगना ।
खुव्व - डरना, घबराना (अंवि पृ २४५) ।
खेड --१ हांकना, ले जाना - 'सगडाई उप्पहेण खेडंति' ( उसुटी प ५१) । २ खेती करना । ३ शिकार करना ।
खेड्ड (रम् ) – क्रीड़ा करना, खेलना ( प्रा ४। १६८) ।
खेव - नौका को खेना ( नि १८ । १३) । खोक्ख
-वानर का बोलना ।
खोट्ट – खटखटाना, ठकठकाना ।
खोड - १ छोड़ देना, निषेध करना - 'सेसाओ खोडे यव्वाओ'
(भ १२।१७५) । २ स्खलित करना ( आवहाटी १ पृ २१५ ) । ३ फोड़ना; खंडित करना (अंवि पृ१४८ ) ।
खोहिव - विचलित करना ( कु पृ १०१) ।
ग
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थलपहेण गउडइ' (निचू १ पृ७२ ) ।
गउड ( गम् ) - जाना --. गंज - १ पराजित करना । २ तिरस्कार करना । ३ मर्दन करना । ४ उल्लंघन.
करना ।
गंठ (ग्रन्थ) – गूंथना ( प्रा ४ | १२० ) ।
गडयड-गर्जन करना ।
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