Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
५३२
डुल - डोलना, कांपना । डुल्ल - कंपित होना ।
डुस (म्) - घूमना ।
डेव
- १ उल्लंघन करना ( व्यभा १० टी प ८२ ) । २ संभोग करना - परिभुंजंतीत्यर्थः ' ( निचू ४ पृ ३) ।
डोल्ल - कंपित होना, डोलना । डोह - अवगाहन करना ।
ढ
ढंक -- ढांकना - ' ढंक - आच्छादने देशी ।'
ढढल्ल (म्) - घूमना फिरना ( प्रा ४११६१ ) । ढं दुल्ल – घूमना ।
ढंढोल ( गवेषय् ) - खोजना (प्रा ४। १८६ ) ।
ढंढोल्ल ( गवेषय् ) अन्वेषण करना ।
ढंस (वि + वृत्) -- घसना, गिरना (प्रा ४।११८ ) ।
ढक्क (छादय्) - आच्छादित करना ( बृभा ३३७७) ।
ढक्क - वृषभ का आवाज करना ।
ढग्गढग्ग - ढग-ढंग शब्द करना ।
ढण- शब्द करना ।
उल
- १ टपकना, नीचे पड़ना । २ झुकना । ३ क्षीण होना - ' ढल हाने देशी ।'
ढिक्क (गर्ज ) वृषभ का शब्द करना ( प्रा ४६६) ।
ढिल्ल - शिथिल होना ।
देशी शब्दकोश
ढाल
- १ नीचे गिराना - ' ढालइ सिहरीण सिहराई' ( उसुटी प २४९ ) । २ झुकाना | ३ चंवर डुलाना । ४ फेंकना - ' ढाल क्षेपणे देशी ।' ढिंढ - जल में गिरना ।
दुल्ल ( गवेषय ) - खोजना ( प्रा ४।१८९ ) ।
दुल्ल (भ्रम्) - घूमना फिरना ( प्रा ४११६१) ।
- 'डेवेंति
Jain Education International
ढुक्क ( प्र + विश् ) - १ जाना, प्रवेश करना ( आवहाटी २ पृ १२८ ) । २ प्रवृत्त होना ( बूटी पृ ४६६ ) । ३ छूना - ' मा मे ढुक्कह' (बूटी पृ १५४५) ।
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640