Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 599
________________ ५३० देशी शब्दकोश झुण (जुगुप्स्)-घृणा करना (प्रा ४।४) । झुलुक्क-चमकना । झुल्ल (अन्दोल)--झूलना, डोलना । झूण (जुगुप्स्)-घृणा करना। झर (जगप्स)-निन्दा करना । झर (स्मृ)-स्मरण करना (प्रा ४।७४) । झूर (क्षि)-झुरना, क्षीण होना । झूर-खेद करना-'खेदे देशी धातु ।' झूरव (खिद्)-झुरना, क्षीण होना । झोड (शाटय)-पेड़ आदि से पत्र वगैरह को गिराना । मोस-दूर करना (जीत ७८) । सोस (गवेषय)---खोज करना, अन्वेषण करना-झोसेह त्ति देशीवचनत्वाद् गवेषयत' (बृभा ३३३५ टी)। टंक-फैलना। टक्कर-ठोकर लगाना । टरटर-टरटराना, मेंढक का शब्द करना । टल-१ हिलना । २ टलना । टलटल-टल-टल आवाज करना । टलवल-१ तड़पना । २ घबराना । टहर-ऊंचा करना। टाल-टालना, हटाना। टिटियाव-'टि-टि' की आवाज करना (उसुटी प २८६) । टिक्क-टीका लगाना, तिलक लगाना । टिट्टियाव-१ टिट्-टिट की आवाज करना-'मयूरीअंडयं......."कण्णमूलंसि टिट्टियावेइ' (ज्ञा १।३।२१) । २ बोलने की प्रेरणा करना । टिरिटिल्ल (भ्रम्) -घूमना, फिरना (प्रा ४।१६१) । टिल्लिक्क-विभूषित करना । टिविडिक्क (मण्डय)-मंडित करना (प्रा ४।११५) । टुंटुण्ण-टुन-टुन आवाज करना । दुट्ट (त्रुट्)--टूटना (से ६।६३) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640