Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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देशी शब्दकोश
सुज्झ-सूझना, दीखना। सुढ (स्मृ)-याद करना । सुणसुणाय-सुन्-सुन् आवाज करना। सुप (मृज्)-मार्जन करना। सुमर (स्मृ)-स्मरण करना (प्रा ४१७४) । सुम्म-सुनना-'सुम्मइ बहुसो घुणाहुणी' (उसुटी प १६२)। सुरसुर -- सुर-सुर की आवाज करना । सूअर-यन्त्र-पीड़न करना। सूख- सूखना, शुष्क होना-'फूमंतस्स मुहं सूखति' (निचू १ पृ८६) । सूड (भञ्ज)-भांगना (प्रा ४११०६ ) । सूर (भञ्ज)-भांजना (प्रा ४।१०६) । सूसुव--सू-सू करना। सेह (नश)-पलायन करना, भागना (प्रा ४११७८) । सो-१ दारु बनाना । २ पीड़ा करना । ३ मन्थन करना । ४ स्नान करना । सोग्गह (प्र+स) फैलना। सोच-सोचना। सोल्ल (पच)-पकाना (विपा ११३।२१)। सोल्ल (क्षिप)--फेंकना (प्रा ४।१४३)। सोल्ल (ईर्, सम्+ ईर्)-प्रेरणा करना। सोह-पीसना, चूर्ण करना।
हंग-मलोत्सर्ग करना (बृचू प १४२) । हंद (ग्रह)---ग्रहण करना (आचूला १११३८) । हंदोल-झूलना, घूमना (अंवि पृ८०)। हंफ-गलहत्था देना-'किं मं हंफेह' (बृभा ६०८३) । हक्क-१ खदेड़ना (उसुटी प ५८) । २ प्रेरणा करना । ३ पुकारना ।
४ ऊंचा करना । हक्क (नि+षिध)--निवारण करना (प्रा ४।१३४) । हक्कार (आ+कारय)- बुलाना । हक्कार-ऊंचे फैलाना।
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