Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
५४२
देशी शब्दकोश दुरूह (आ+रह.)-आरोहण करना (भ ७।१९६) । दुलुदुल---इधर-उधर घूमना-'मा मुयमाउडिभयं पिव इओ तो दुलुदुलेमो'
(निचू ३ पृ ३४) । दुहाव (छिन्)-छेदना, खण्डित करना (प्रा ४।१२४) । दइज्ज (द्र)-चलना, विहार करना (आ ५८२)। दूम (दावय)पीड़ा पहुंचाना (प्रा ४१२३) । दूम (धवलय्)-- चूने से पोतना, सफेदी करना (प्रा ४।२४) । देक्ख (दृश्)-देखना (प्रा ४।१८१)। देह (दृश्) ---देखना-'मुच्चेज्ज पयपासाओ, तं तु मंदो ण देहई'
(सू ११॥३५)।
धंसाड (मुच)-छोड़ना (प्रा ४।६१) । धगधग-१ तीव्रता से जलना । २ धग-धग आवाज करना । धगधग्ग–अतिशय जलना। धवक्क-धड़कना, भय से व्याकुल होना । धाड -- सहन करना-'चाएति साहति सक्केइ वासेइ तुहाएति वा धाडेति वा
एगट्ठा' (आचू पृ १०६)। धाड-एक स्थान से दूसरे स्थान में जाना-'धाति त्ति प्रेरयन्ति-स्थानात्
स्थानान्तरं प्रापयन्तीत्यर्थः' (सूटी १ प १२४)। धाड (निर्+स)-बाहर निकलना (बृटी पृ १३६७) । धाड (निर्+सारय)-----बाहर निकालना (निचू २ पृ ५४) । धाह-१ रोना । २ पुकारना । ३ पलायन करना। धाहाव-हाहाकार मचाना । धिप्प (दीप्)-दीप्त होना, चमकना । धुक्क (क्षुध्)-भूख लगना । धुक्काधुक्क (कम्प्)-कांपना । धुगधुगधुग्-धुग् आवाज करना। धुळुअ (शब्दाय)- शब्द करना। धुद्धअ (शब्वाय्)---आवाज करना। धुप्प (वीप्)-चमकना।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640