Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 605
________________ ५३६ देशी शब्दकोश णिलेज्ज—करना (सूचू १ पृ १२०) । पिल्लस (उत्+लस्)-खुश होना (प्रा ४।२०२)। पिल्लुंछ (मुच्)-छोड़ना (प्रा ४६१)। पिल्लर (छिद्)-छेदना, खण्डित करना (प्रा ४।१२४) । णिवज्ज (नि+सद् )--१ सोना-'एगो पडइ पासेणं, निवेसइ निवज्जई' (उ २७।५) । २ बैठना। णिवह (गम्)--गमन करना, जाना (प्रा ४११६२) । णिवह (नश) पलायन करना, भागना (प्रा ४।१७८) । णिवह (पिष)-पीसना (प्रा ४११८५) । णिव्वड (भ)-१ पृथक् होना । २ स्पष्ट होना (प्रा ४।६२) । णिव्वड (मुच्)-दुःखमुक्त होना । णिवड (निर्+पद्)-निष्पन्न होना, बनना । णिव्वण्ण-देखना (से ३।४४) । णिव्वम-परिभोग करना । णिव्वर (कथय)-दुःख प्रकट करना (प्रा ४।३)। णिव्वर (छिद्)-छेदना, खण्डित करना (प्रा ४।१२४) । णिव्वल-पृथक् होना (से ६८०)। णिव्वल (मुच)-दुःख को छोडना (प्रा ४।६२)। णिव्वल (निर्+पद)-निष्पन्न होना (प्रा ४।१२८) । णिव्वल (क्षर्)-क्षरित होना (प्रा ४।१७३ टी)। णिव्वव (निर्+वापय्)-बुझाना । णिव्वह (उद्+वह)- १ धारण करना । २ ऊपर उठाना । णिव्वा (वि+श्रम्)-विश्राम करना (प्रा ४।१५६) । णिव्वुड्ड (नि+मस्ज)----निमज्जन करना। णिव्वुब्भ (निर्+वह.)---निर्वाह करना । णिवेढ-त्याग करना। णिव्वोल---डुबोना-'अंतोजलंसि निव्वोलेमि' (ज्ञा १।८।७४) । णिवोल (ओष्ठमालिन्यं कृ)-क्रोध से होठ मलिन करना (प्रा ४।६६) । णिसम्म (नि+सद्)---१ बैठना । २ रखना, स्थापित करना (से ६.१७) । णिसर (रम्)-क्रीड़ा करना । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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