Book Title: Deshi Shabdakosha
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 587
________________ ५१८ देशी शब्दकोश ओसीस (अप+वृत्)-१ पीछे हटना । २ घूमना (दे १११५२ वृ)। ओसुख-उत्प्रेक्षा करना, कल्पना करना । ओसंभ (अवन-पातय)-१ गिराना । २ नष्ट करना (से ४।५४) । ओसुक्क (तिज्)- तीक्ष्ण करना (प्रा ४११०४) । ओसुब्भ (अव+पातय्)-नष्ट करना । ओह (अवत)-नीचे उतरना (प्रा ४१८५) । ओहच्छ (अव+आस्)-बैठना । ओहट-१ पीछे हटना । २ ह्रास पाना, कम होना । ३ हटाना। ४ तिरस्कृत होना। ओहर (अव+त)--अवतरित होना । ओहाड–बंद करना (निचू ३ पृ ४८४) । ओहाम (तुलय)-तुलना करना (प्रा ४।२५) । ओहाव (आ+क्रम)-आक्रमण करना (प्रा ४।१६०)। ओहिर ( निद्रा)-नींद लेना। ओहीर (सद्)-खिन्न होना (पा ५०७) । ओहोर ( निद्रा )---निद्रा लेना (बृभा १२८)। कंठाल—गले में बांधना (कु पृ १३५) । कज्जल-पानी से भर जाना-'कज्जलेतित्ति पाणिते भरिज्जति' (आचू पृ ३५७) । कज्जलाव (ब्रुड)--डूबना-'उवरुवरि वा णावा कज्जलावेति' (आचूला ३।२२)। कट्ट (कृत्)-काटना । कडयड-कटकट आवाज करना । कड्ढ (कृष)-१ बाहर निकालना (उशाटी प १९३)। २ पढना, उच्चारण __ करना (पंवटी पृ ७६) । ३ खेती करना । ४ रेखा करना (प्रा ४।१८७) । कण्णाहिड-कान लगाकर सुनना-पिण्डेन सूत्रकरणं मा भूत् कश्चित् पदं वाक्यं वा कण्णाहिडिस्सति' (आटी प ६२)। कमवस (स्वप्)--शयन करना (प्रा ४।१४६) । कम्म (कृ)--हजामत करना (प्रा ४१७२) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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