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देशी शब्दकोश
हडि - १ बंधन- विशेष, काठ की बेड़ी - इमं हडिबंधणं करेइ' (दश्रु ६ । ३ ) । २ हड-हड की आवाज - छुत्ति हडि त्ति अनुकरणशब्दावेतौ'
( बृभा २३४८ टी ) । ३ हट, दूर हो - ललकार भरा स्वर - " पासति सीहं आगच्छमाणं । तेण हडि त्ति जंपियं, ण गतो' (निचू १ पृ १०१) । ४ कारावास (व्यभा १० टीप ६३) ।
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हड्ड – हड्डी, अस्थि ( नि ७|१; दे८५६ ) |
हड्डमालिया - हड्डियों की माला - सिंगमालियं वा संखमालियं वा हड्डमालियं वा भिडमालियं वा कट्टमालियं वा' (नि ७।१) । हडुसरक्ख - शैव मतावलंबी- 'चरग परिव्वायग - हड्डस रक्खा दिएहिं तडियकप्पडिएहिं यजा आइण्णा आकुला' (निचू २ पृ २०७ ) ।
हड्डागिद्धिसी-कटि के अधोभाग में होने वाला संधि-वायु ( निचू ४ पृ १०८ ) ।
हढ -- जल में होनेवाली वनस्पति, जलकुम्भी (भ २३८) । हण – दूर (दे ८५६ ) ।
ह - सावशेष, बाकी बचा हुआ (दे ८।५६ ) ।
हणुदाणि - उसके पश्चात्, अब - 'वाइज्जंति अपत्ता, हणुदाणि वयं वि एरिसा होमो' (बृभा ५२०९)।
हत्थ - १ शीघ्र ( औप ५७) । २ जल्दी करने वाला (दे ८५६ ) |
हत्थखड्डुग - हाथ की अंगूठी (अंवि पृ ६५ ) ।
हत्थच्छुणी - नववधू ( ८1६५) ।
हत्थल - १ चोर (प्रटी प ४३ ) । २ क्रीडा के लिए हाथ में लिया हुआ), पदार्थ । ३ चंचल हाथ वाला (दे ८१७३) ।
हत्थल्ल — क्रीडा के लिए हाथ में लिया हुआ (दे ८|६० ) ।
हत्थल्लिअ - हस्तापसारित, हाथ से हटाया हुआ (८६४) ।
हत्थल्ली - हाथ में ले जाया जाने वाला आसन - विशेष (दे ८।६१) ।
हत्थार - सहायता, मदद (दे ८|६० ) ।
हत्यिअचक्खु - -वक्र अवलोकन (दे ८।६५) ।
हत्थि मल्ल -- ऐरावण हाथी (दे ८१६३) । हथियार- -१ शस्त्र (अनुद्वाच् पृ १२) । २ युद्ध | ’
हत्थिवअ - ग्रह-भेद (दे ८१६३) ।
हत्थि हत्थ - दुस्तर - संसारहत्थि हत्थं पावति' - ' दुस्तरं संसारम (पततीति भावः " (व्यभा ३ टीप ६३) ।
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