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देशी शब्दकोश वोसिरण-व्युत्सर्जन
| संवती-नदी वोहित्त-प्रवहण, नौका
संविड्डाणा-कुलीन व्युड-विट, भडुआ
संसाअ-१ आरूढ । २ चूर्णित । व्वे-संबोधन-सूचक अव्यय
३ पीत । ४ उद्विग्न संसोइअ-आरूढ
संसूडिय-संभग्न समली-शृगाली
संसोसिअ-१ चूर्णित । २ भीत । सइकोडी-वज्र
३ आरूढ । ४ उद्विग्न सइत्त-मुदित
सकप्प-१ आर्द्र। २ अल्प। सइत्तय-१ स्वस्थ । २ मुदित
३ धनुष्य । ४ प्रचुर सइलासिय-मयूर
सखर-गीध सइसिलिप्प-तरुण, युवा
सचराह-एकाएक, शीघ्र संकेल्लिअ-संकुचित
सचीसग-वाद्य-विशेष संखुड्डुण-सुरतक्रीडा
सच्चवण-अवलोकन, दर्शन संखोडी-व्यतिकर
सच्चवय-द्रष्टा संगहण-जारिणी-युगल
सच्चीसय—वाद्य-विशेष संगोल्ल-समूह
सच्छिह-सदृश संच-१ शरीर-बन्ध । २ समूह
सज्झतिया-बहिन संचडिय-आरूढ
सझडप्प- झटपट संचाइय-१ समर्थ । २ आरूढ
सट्ट-१ सटा हुआ। २ विनिमय, संचुल्ल-चुगलखोर
सट्टा संजत्ति-तैयारी, निर्माण सट्टि-विनिमय संजत्तिअ--तैयार किया हुआ
सडा-प्रलंब केश संजत्ति-तैयारी
सडिअग्गिअ-१ बढाया हुआ ! संजोइय-निरीक्षित, दृष्ट
२ प्रेरित संढी - ऊंटनी, सांढनी
सड्डी-विनिमय संतिय-सम्बन्धी
सत्त—गत, गया हुआ संतो- मध्य-'अंतो संतो च मध्यार्थे'
सद्धा-दोहद (साधर गुज) संपुअ - भूताविष्ट
सन्नित्थ-परिहित, पहना हुआ संफिट्ट-संयोग
सन्नुमिय-आच्छादित संभडिय-भिडा हुआ
सप्पडोड्डिय-जहरीले वृक्ष का फल संभिन्न-आघात
सप्पत्तिआ–बालिका संभेड-संघट्टन, आक्रमण
| सप्पा--कांची
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