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देशी शब्दकोश ओक्किअ-१ निवास, अवस्थान (दे १११५१) । २ वमन (वृ)। ओक्कुट--सचित्त वनस्पति का चूर्ण-'सचित्तवणस्सती चुण्णो ओक्कुट्ठो भण्णति'
(निचू २ पृ २६०)। ओक्खंडिअ--आक्रान्त (दे ११११२)। ओक्खंद-शत्रु-सेना द्वारा नगर का घेराव-कोसलेण रण्णा ओक्खंदं दाऊण
भेल्लियं तं संणिवेस' (कु पृ ६६)। ओक्खिण्ण-१ अवकीर्ण । २ आच्छादित । ३ जिसके दोनों पार्श्व अत्यंत
शिथिल हों, वह (दे १११३० वृ)। ओखंद-१ सेना का पडाव या सेना का घेराव (निभा २४०१) । २ डाका,
धाटी (बृभा ४८३८)। ओगंठी-चूंघट, मस्तक पर डाला हुआ वस्त्र-'कंबलरयणोगुठि काउं रणो
ठिओ पुरतो' (ति ७९१) । ओग्गाल-जल का लघु प्रवाह (दे १११५१)। ओग्गिअ- अभिभूत, पराजित (दे १११५८) । ओग्गीअ-हिम, बर्फ (दे १।१४६) ।। ओघसर-१ अनर्थ । २ घर से निकलने वाला जलप्रवाह (दे १।१७०)। ओचार-धान्य रखने का कोठा या पात्र-विशेष-'अपचारि-दीर्घतरधान्य
कोष्ठाकारविशेषः' (अनुद्वामटी प १४०) । ओचिय-आरोपित (जीवटी प १६६) । ओचुल्ल-चुल्ली का एक भाग (दे १११५३) । ओचलयालग-नीचा सिर और ऊपर पांव कर पानी में डुबोना
(विपाटी प ७२) । ओच्चेल्लर-१ खिल भूमि, ऊषर भूमि, हल आदि से बिना जोती हुई
भूमि । २ साथल के रोम (दे १११३६) । ओच्छग-वस्त्र (आवहाटी' २ पृ १२८) । ओच्छट्ट-- चोर (दे १।१०१ वृ)। ओच्छत्त-दतौन, दतवन (दे १११५२) । ओच्छविय-आच्छादित (ज्ञाटी प ३१) । ओच्छाइय--आच्छादित (प्रटी प १३४) । ओच्छिअ-केशों को संवारना (दे १११५०)।
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