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देशी शब्दकोश पिउड-१ मांस का बचा हुआ भाग हड्डी आदि-'पोग्गले पिउडं'
(बृभा १७११)। २ कचरे का ढेर-'पिउडं पुण उज्झं भण्णति'
(निचू १ पृ १००)। पिउली-१ कपास । २ रूई की पूनी (दे ६।७८) । पिंगंग-बन्दर, मर्कट (दे ६।४८) । पिंच-पक्व करीर, पका करील (दे ६।४६) । पिच्छोला-गृह-उपकरण-विशेष (अंवि पृ ७२) । पिछोली-मुंह से हवा भरकर बजाया जाता एक प्रकार का तृण-वाद्य
(दे ६।४७)। पिंजरण-सजावट, शृंगार-पाडुच्ची तुरयदेह पिंजरणं' (पा ६३१) । पिंजरुड-दो मुंह वाला पक्षी, भारुड पक्षी (दे ६।५०) । पिजिअ—विधुत, कंपित (दे ६।४६)। पिंजिअय-विधुत, कंपित (दे ६।४६ )। पिंडरय-दाडिम (दे ६।४८ वृ)। पिंडलइय-पिंडीकृत, एकत्रित (दे ६।५४ वृ)। पिंडलग—पटलक, पुष्प का भाजन (स्था ७।२२) । पिडिका-वर्तुलाकार नौका (अंवि पृ १६६)। पिंडी-मञ्जरी (दे ६।४७) । पिंडीर-दाडिम (दे ६।४८) । पिसली-मुंह से पवन भरकर बजाया जाता एक प्रकार का तुण-वाद्य
(दे ६।४७)। पिक्खुर- म्लेच्छ जाति-विशेष (आवचू १ पृ १६१) । पिगाण-वस्त्र-विशेष (अंवि पृ ७१) । पिचक-मत्स्य की एक जाति (अंवि पृ २२८) । पिचुगाल-भीगे हुए गेहूं आदि का खाद्य (आवहाटो २ पृ. २४३) । पिच्च-पानी-'कोंकणादिषु पयः पिच्चं नीरमुदकमित्यादि'
(प्रसाटी प २६२)। पिच्चिय-कूटी हुई छाल-'पिच्चिउ त्ति वा, विच्चिउ त्ति वा कुट्टितो त्ति वा
एगळं' (निचू २ पृ ६८) । पिच्छि—पिटारी (राज ७७२ पा)। पिच्छिली-लज्जा (दे ६।४७)।
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