________________
३१२
देशी शब्दकोश बेसक्खिज्ज-शत्रुता (दे ७७६ वृ) । बेसण-वचनीय, लोकापवाद (दे ७।७५ वृ)। बेहिम-दो टुकड़े करने योग्य (दहाटी प २१६) । बोंगिल्ल-१ विभूषित । २ आटोप, आडंबर (दे ६।६६) । बोटण-चूचुक, स्तन-वृन्त (दे ६।६६ वृ)। बोंड-१ पद्म (आवनि १३२) । २ कपास (सूचू १ पृ ४)। ३ चूचुक,
स्तनवृन्त (दे ६।६६)। बोंडज—सूती वस्त्र (सूचू १ पृ ५४) । बोंडीवमण-कपास (निचू २ पृ ३६६) । बोंद-मुख (दे ६।६६ वृ)। बोंदि-१ शरीर (भ १८८; दे ६।६६) । २ आकार, रूप
'सुहुमबोंदिकलेवरे' (भ १५॥१०१; दे ६।६६)। ३ मुंह (दे ६६६)।
४ अव्यक्त अवयवों वाला शरीर (भटी पृ १२६०) । बोंदिया-शाखा (आचूला ११५४) । बोक्कड़-बकरा (निचू ३ पृ ४१० ;दे ६।६६) । 'बोकडु' (गुज)। बोक्कडी-बकरी (दे ६।६६ वृ)। बोक्कस-वर्णसंकर जाति-१ निषाद के द्वारा अम्बष्ठ जाति की स्त्री से
उत्पन्न संतान । २ निषाद के द्वारा शूद्र स्त्री से उत्पन्न संताननिसाएणं अंबट्ठीए जाओ बोक्कसोत्ति वुच्चइ, निसाएण सुद्दीए
जातो सोवि बोक्कसो' (आचू पृ ६)। बोक्कसालिय-तन्तुवाय, जुलाहा (आचूला ११२३ चू)। बोक्कार--ध्वनि-विशेष (आवमटी प १८८)। बोक्किल-गृह-शूर, झूठा शूर (दे ७।८० वृ)। बोगिल्ल-चितकबरा (पा १६७) । बोट्टी-अपवित्र, उच्छिष्ट (बृभा ३५६५) । बोड-१ मुण्ड, मुण्डितमस्तक-एमेव अडइ बोडो लुक्कविलुक्को जह कवोडो'
(पिनि २१७) ।२ बिना किनारों वाला घट-बोडो जस्स उट्ठा णत्थि' (आवचू १ पृ १२२)। ३ धार्मिक (दे ६९६)। ४ तरुण
(ब)। बोडघेर-'छुइमुई' का पौधा (पा ६००) । बोडमच्छक-मत्स्य की एक जाति (अंवि पृ ६३) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org