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देशी शब्दकोश मरली-नालिका, मुरली-'णालियत्ति अपव्वा भवति, सा पुण लोए मुरली
भण्णति' (निचू १ पृ८४) । भरव-१ धान्य रखने का कोठार । २ धान्य मापने का पात्र-विशेष
(अनुद्वा ३७५) । ३ धान्य से भरी गाड़ी के ऊपर दिया जाने वाला
ढक्कन-'मुरवं गन्त्र्या उपरि यद्दीयते' (अमुद्वामटी प १४०)। . भरवि- आभूषण विशेष (भ ६१६०)। मुरवी-मुरज के आकार का आभरण (भटी पृ ८७६)। मुरिअ-१ त्रुटित (दे ६।१३५) । २ मुडा हुआ। मुरुडी- अनार्य देश-विशेष की दासी (ज्ञा १।११८२)। मुरुंब-मिट्टी-विशेष-'कण्हमत्तिका पंडुमत्तिका तंबभुमी मुरुंबो कडसक्करा'
(अंवि पृ २३३)। मुरुमुंड-धम्मिल्ल, बंधे हुए बालों का जूडा (दे ६।११७) । मुरुमुरिअ-कामासक्ति से होने वाली उत्सुकता, रणरणक (दे ६।१३६) । मुरुव-चिकनी मिट्टी-मिदूसु कण्हमत्तिका मुरुवो तंबो वेति विण्णेया'
(अंवि पृ २३३)। मुलासिम-स्फुलिंग, चिनगारी (दे ६।१३५) । मसंढी-१ अनंतकाय वनस्पति-विशेष (भ ७६६)। २ लोहमय गोल
कांटों से जटित दारुमय प्रह रण-विशेष (उ १६६१)। मुसली-दुष्प्रतिलेखना का एक प्रकार (पंव २४०)। मुसह-मन की आकुलता (दे ६।१३४) । मसहि-१ अनन्तकाय वनस्पति-विशेष (भ ८।२२१) । २ प्रहरण-विशेष
(ोप. १)। मुसुमरणा-चबाया जाना-'करवत्त-करालदाढावली-मुसुमूरणाचुक्कस्स'
(कु पृ २२३)। मुसुमरिअय-चूणित, टूटा हुआ (पा ५१६) । मुसुमरिय-त्रुटित, तोड़ा हुआ-'दिण-पक्ख-णक्खत्त-करवत्त-दंतावली
- मुसुमूरिओ महाकालमच्चुवेयालेणं ति' (कु पृ २१३) । मुहत्थडी-मुख के बल पर गिरना (दे ६।१३६) । मुहमक्कडिय-मुंह को मोड़ना, मुंह मचकाना (आवचू २ पृ १६४) । मुहरोमराइ-भौंह, भ्रू (दे ६११३६)। मुहल-मुख (दे ६।१३४)। मुहिम-वैसे ही करना (दे ६।१३४) ।
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