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देशी शब्दकोश
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फंडण-प्रवेश-'अगणिफंडणट्ठाणेसु' (आचूला १०।१६)। फंफसअ—एक प्रकार की लता (दे ६१८३) । फंसण-१ युक्त । २ मलिन (दे ६।८७)। फंसुल-मुक्त, त्यक्त (दे ६।८२)। फंसुली-नवमालिका, पुष्प-प्रधान वृक्ष-विशेष (दे ६।८२)। फग्ग-बसन्त का उत्सव, फगुआ (दे ६।८२) । ‘फागुपुग्ग-बिखरे हुए केश वाला (उपा २।२१ पा) । फट्ट--फटा हुआ-'म इला फट्टा कुसंघाडी' (निचू २ पृ २६६) । फड-१ सांप का पूरा शरीर । २ सांप का फण (दे ६।८६) । फडही-कपास (दे ६।८२ पा)। फडु-१ गणावच्छेदक के अधीन एक छोटा गण-गच्छागच्छि गुम्मागुम्मि
फड्डाफड्रिं' (औप ४५ टी)। २ अवधिज्ञान का निर्गमस्थान-'फड्डा य असंखेज्जा' (विभा ७३८) । ३ पृथक्-पृथक्-'फड्डगफड्ड पवेसो'
(बृभा १५६४)। फडक-१ अवधिज्ञान का निर्गम स्थान। २ द्वार आदि का छोटा छिद्र-'इह फड्ड
कानि अवधिज्ञान निर्गमद्वाराणि अथवा गवाक्षजालादिव्यवहितप्रदीपप्रभाफड्डकानीव फड्डकानि' (आवहाटी १ पृ २६)। ३ गणावच्छेदक के अधीन एक छोटा गण (औपटी पृ८६) । ४ विभाग, अंश
(ओटी पृ २०६)। फडग-१ अंश, भाग (पिनि २५३) । २ गण का अवान्तर विभाग
(निभा ६३१३) । ३ वर्गणा-समुदाय । फडुगपतिय--- गण के अवान्तर विभाग का नायक (निभा ६३१३) ।। फडुगवतिय-गण के अवान्तर विभाग का नायक-फडगवतिया वि आगंतुं
पक्खियादिसु मूलायरियस्स आलोएंति (निचू ४ पृ २८४) । फड्डय-१ साधुओं का छोटा समुदाय (निभा २८४२) । २ विभाग, अंश
(ओभा १११)। फड्डावती- गण के अवान्तर विभाग का नायक (जीभा ७८१)। फणक-कंघी (उसुटी प २८३) ।
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