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देशी शब्दकोश
२५६.
पउत्थवइआ-जिसका पति देशान्तर गया हो वह स्त्री
(आवहाटी १ पृ २६६)। पउप्पय-शिष्यसंतति-पउप्पएत्ति शिष्यसन्तानः' (भटी पृ १२७१) । पउमलअ-बसन्त (दे ६१३३)। पउल-वनस्पति-विशेष (भ २३॥८)। पउलण-पचन, पाक (प्र २२५)। पउसिया-'पउस' देश में उत्पन्न स्त्री (औप ७०) । पउसी-पउस' देश में उत्पन्न स्त्री (नि ६।२६)। पऊढ-घर (दे ६।४)। पएणी-वस्त्र-विशेष (अंवि पृ ७१) । पएर--१ बाड का छिद्र । २ मार्ग । ३ दुःशील, दुश्चरित्र । ४ कंठदीनार
नाम का आभूषण । ५ गले का छिद्र । ६ दीन-नाद, आर्तस्वर
(दे ६।६७)। पएस--१ प्रातिवेश्मिक, पडोसी (दे ६।३) । २ एक प्रकार का वाद्य
(नि १७।१३६)। पएसिणी—पड़ोसिन (दे ६।३ वृ) । पओत्थ-प्रोषित, प्रवास में गया हुआ (दश्रुचू पृ ४८) । पओप्पय-१ शिष्य-परम्परा, प्रशिष्य-विमलस्स अरहओ पओप्पए धम्मघोसे
नाम अणगारे' (भ ११११६५) । २ प्रशिष्य की शिष्य-परंपरा
(भटी पृ १००८)। पंखुडिआ-पत्र-पंखुडिअव विकिण्णो' (दे ६।८ )। पंखुडी-पत्र, पत्ता (दे ६।८)। पंगुलिगा-आसन-विशेष (दअचू पृ १७२) । पंचंगलि-एरण्ड का गाछ (दे ६।१७)। पंचंगुलिया-वल्ली-विशेष (प्रज्ञा ११४०।१) । पंचपुल-मछली पकड़ने का जाल-विशेष (विपा ११८।१६)। पंचमधारा-अश्व की गति-विशेष (उसुटी प २३७) । पंचमेजण-उत्सव-विशेष (अंवि पृ९८)। पंचवडय-शौचालय-वच्चं नाम पंचवडओ' (आचू पृ ३३८) । पंचवन-शौचभूमी-'अण्णया राया विरेयणं पीतो पंचवनगमतीति'
(दअचू पृ ५२)।
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