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देशी शब्दकोश
-'पावे वज्जे वेरे पंके पणए य' (उशाटी प ६७) । ६ कर्दम
(दे ६।७)। पणयत्तिभ-प्रकटित, व्यक्त किया हुआ (दे ६।३०) । पणयाल-पैंतालीस (सम ४५७) । पणल-प्रावरण-विशेष (निचू २ पृ ३९८) । गावण्ण-पचपन की संख्या (भ २।१२१; दे ६।२७)। जसक-१ थाली के आकार का पात्र (अंवि पृ ६५) । २ नकुलिका का
एक प्रकार (अंवि पृ २२१)। पणहय-पीना (निर ४ टी पृ ३४) । पणामणिआ-स्त्री-विषयक प्रणय (दे ६।३०) । पणाली-देह-प्रमाण यष्टि (प्रटी प ५८) । पणिअ--प्रकट, स्पष्ट (दे ६।७) । पणिआ-करोटिका, सिर की हड्डी (दे ६३)। पणुल्लिअ-प्रेरित (पा १४७) । पणोल्लि-प्राजनक, चाबुक (प्र ३।१५) । पण्ण-पचास (स्था ७११२८।१)। पण्णगार-शर्त (निचू ३ पृ १४०)। पण्णत्त-१ बीज-वपन के योग्य भूमि (औप १)। २ परिकमित
(सूर्यटी प २६३)। ३ स्वस्थ-'सो य (अस्सो) पण्णत्तो'
(निचू ४ पृ ३०४)। पण्णा -पचास (सम ४६।१)। पण्णास-पचास (सम ५०।२)। पण्णासय-पचास वर्ष की उम्र वाला (तं ५७) । पण्णी-एक प्रकार की नावा (निचू १ पृ ७२) । पण्णेलिका-आभूषण-विशेष (अंवि पृ ११६) । पण्हअ-स्तन-धारा (दे ६।३)। पतिरिक्क-१ एकांत- देशीभाषया एकान्ते' (उशाटी प ६६५) । २ प्रचुर
(बृभा ५२९७) । ३ यथेच्छ, अकेला (आवहाटी १ पृ ४३) । पतज्ज-प्राणी-विशेष के रोओं से बना वस्त्र-'पाणजोणिगतं वत्थं तिविध
माधारये कोसेज्जं पतुजं आविकं चेति' (अंवि पृ १६३) । पतोप्पय-शिष्य (भ ११११६२ पा)।
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