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देशी शब्दकोश
१५५ गोम्ही-कनखजूरा, कर्णशृगालिका (प्रज्ञा १५०) । गोर-गेहूं-'गोर त्ति गोधूमा' (निचू ४ पृ १११)। गोरंफिडी-गोधा, गोह (दे २०१८)। गोरह-वाहनयोग्य तथा रथयोग्य बैल (आचूला ४।२७) । गोरहग-१ तीन वर्ष का बैल (द ७२४) । २ रथ की भांति तीव्र गति से
___ दौड़ने वाला बैल । ३ प्रसव-समर्थ (दजिचू पृ २५३)। गोरा-१ हल का दंड । २ चक्षु । ३ ग्रीवा (दे २।१०४) । गोल-१ युवा के लिए प्रयुक्त प्रिय संबोधन-गोल जुवाणप्रियवयणं'
(दअचू पृ १६६) । २ गोलदेश में व्यवहृत अवमानना सूचक शब्द-'होल इति वा गोल इति वा एतौ च देशान्तरेऽवज्ञासंसूचकौ' (आटी प ३८८) । ३ साक्षी (दे २।६५) । ४ गोत्र-विशेष
(अंवि पृ १४६)। गोला-१ गाय । २ गोदावरी नदी । ३ नदी। ४ सखी (दे २।१०४) । गोलिका-रथ के आकार का यान-विशेष (अंवि पृ १६६)। गोलिय-छाछ आदि बेचने वाला-एमेव तेल्लि-गोलिय-पूविय-मोरंड-दुस्सिए
___चेव' (बृभा ३२८१)। गोलिया-१ गुटिका-तीए दासीए घडो गोलियाए भिन्नो' (दनि २)।
२ बड़ी थाली-भंडिका-स्थाल्यः ता एव महत्यो गोलिकाः' ।
(स्थाटी प ३६८)। गोलियालिंग-विशेष प्रयोजनों के लिए बनाए जाने वाले चुल्ली-स्थान
-'अग्ने राश्रयविशेषाः । अन्ये तु देशभेदनीत्या पिष्टपाचनकाग्न्यादिभेदेनैतेषां स्वरूपं कथयन्ति तदप्यविरुद्धम्'
(जीवटी प १२३)। गोलियालिछ-विशेष प्रयोजनों के लिए बनाए जाने वाले चुल्लीस्थान
(जीव ३३११८)। गोली--मंथनी (दे २०६५) । गोलुकि-वितत वाद्य का एक प्रकार (नि १७३१३६) । गोलोम-द्वीन्द्रिय जन्तु-विशेष (प्रज्ञा ११४६)। गोल्ला-बिम्बी फल, कुंदरुन का फल (आवमटी प १९३) । गोल्हा-१ बिम्बी, कुन्दरुन की वल्ली (प्रटी प ८१; दे २१६५) । २
बिंबीफल (जंबूटी प ११२) । गोवर–गोबर (दे २१६६) ।
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