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टक्कारी -- १ वृक्ष-विशेष (अंवि पृ ७० ) । टट्टइआ - पर्दा (दे ४११ ) ।
टप्पर-१ विकराल कान वाला (प्रटी प ८१) । २ छाज के आकार के कान ( उपाटी पृ ६) ।
देशी शब्दकोश
अरणि का फूल (दे ४।२ वृ) |
-टप्परअ - विकराल कान वाला (दे ४। २ )
टमर – केशों का समूह ( कु पृ ७३; दे ४। १ ) ।
टसर – १ सूती वस्त्र ( निचू २ पृ ६८ ) । २ मोड़ना (दे ४|१) । सरोट्ट - अवतंस (दे ४। १)
।
टार- -१ दुष्ट अश्व (दे ४ ( २ ) । २ टट्टू, छोटा घोड़ा ।
टाल- - फल की वह अवस्था जिसमें गुठली न पड़ी हो (द ७१३२) - 'टालाणि नाम अबद्धट्टिगाणि भन्नंति' (जिचू पृ २५६ ) ।
टिंबर - तेंदू का वृक्ष (दे ४ | ३ ) |
टिबरु - तेंदु का वृक्ष ( दजिचू पृ १८४) ।
टिक्क - १ तिलक (दे ४ (३) । २ सिर पर फूलों का गुच्छा (वृ) । 'टिक्किद-तिलक वा 'टीकी' से विभूषित - मंडिय टिक्किदविभूसिया एगा साहुणी' ( उसुटी प ५४) ।
टिग्घर -- स्थविर, वृद्ध (दे ४ | ३ ) ।
टिट्टि - टिट् - टिट् की आवाज, बछड़े आदि को प्रतिषेध करने का शब्द ( बृभा ७७ ) ।
टिट्टिभोय - टिट्टिभ, टि- टि करने वाला प्राणी (अंवि पृ १८३ ) ।
टिप्पी - तिलक (दे ४।३) ।
feaster - अलंकृत, विभूषित - 'संजई पासति मंडिय-टिविडिक्किया' ( उशाटी प १३८ ) ।
टुंट - छिन्न- हस्त, कटे हुए हाथ वाला (प्रसा ७९५; दे ४।३) । टुंटय - छिन्न- हस्त (दे ४।३ वृ) ।
कण--- चतुरिन्द्रिय जंतु - विशेष ( जीवटी प ३२ ) ।
टेंट - १ जुआ खेलने का स्थान ( दे ४ | ३ ) । २ अक्षि- गोलक । शुष्क व्रण ।
टेंटिअ - द्यूतक्रीडा के स्थान पर रहने वाला (दे ४१३ वृ) । टेंबरूय-तेंदु का फल ( आटी प ३४९ ) ।
टेक्कर - स्थल, प्रदेश (दे ४१३ ) ।
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