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देशी शब्दकोश
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आलिसंद-धान्य-विशेष (प्रज्ञा १४५३१) । आलिसंदग--धान्य-विशेष, चवला (भ ६।१३०) । आलीघरय—वनस्पति-विशेष (ज्ञा १६।२०)। आलील-निकट भविष्य में होने वाला भय (दे ११६५) । आलीवण---प्रदीप्त अग्नि (दे ११७१) । पलेवणुं (गुज)। आलु-आलू, कन्द-विशेष (भ २३।२)। आलका-कुण्डिका, छोटा घड़ा (अनुटी पृ ५) । आलुगा-छोटा घड़ा (सूचू १ पृ ११७) । आलुय-आलू, कंद-विशेष (भ २३।१)। आलुया-कुंडिका (अंतटी पृ ५) । आवंग- अपामार्ग का वृक्ष (दे ११६२) । आवट्टिआ-१ नववधू । २ परतन्त्र स्त्री (दे ११७७) । आवडिअ---१ संबद्ध । २ सार (दे ११७८) । आवरेइअ-कारिका, मद्य परोसने का पात्र (दे ११७१) । आवलिका-कंठ का आभूषण-'हार-अद्धहार-आवलिका' (अंवि पृ १६२) । आवल्ल-बलीवर्द, बैल (उशाटी प १६२)। आवल्लक-१ नौका चलाने का एक साधन । २ वलयबाहा-नौका का लंबा
काष्ठ जिस पर ध्वजा बांधी जाती है-'दीर्घकाष्ठलक्षणबाहुषु
आवल्लकेष्विति सम्भाव्यते' (ज्ञाटी प १४३) । आवाडा-चिलात, एक अनार्य जाति-'आवाडा नाम चिलाता परिवसंति'
(आवचू १ पृ १६४)। आवाल-जल के निकट का प्रदेश (दे ११७० वृ)। आवालय-जल के निकट का प्रदेश (दे ११७०)। भावाह-१ वरपक्षसंबंधी भोज (व्यभा ६ टी प ८)। २ नव विवाहित वर
वधू को लाना-'आवाहः अभिनवपरणीतस्य वधूवरस्यानयनम्'
(प्रटी प १३६)। आधि- १ प्रसव-पीड़ा । २ नित्य । ३ दृष्ट, देखा हुआ (दे ११७३) । आविस-१ इन्द्रगोप, क्षुद्र कीट-विशेष । २ मथित (दे ११७६) । ३ पिरोया
हुआ (पा ६५५) । आविअज्झा-१ नववधू । २ पराधीन स्त्री (दे ११७७) । आविद्ध -प्रेरित (दे ११६३)।
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