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सूत्राक पृष्ठाक वैयावृत्य-विधान
ग्लान के निमित्त भैजे गये आहार ६४३३१८
का विधि-निषेध विशिष्ट 'चर्या में सेवा करने के संकल्प
वैयावृत्य का फल ६४६ ३२०
वैयावृत्य न करने आदि का प्रायश्चित्त सूत्र सागरमाने का प्रायश्चित्त सूत्र
६४५
૬૭૭ ६७८ ६७२ ६८० ६८१ सूत्रांक
३४०
विषय
३४१ पृष्ठाक
६४८ ६४९ ६५० ६५१
६८२ ६८३ ६८४
२४२ ३४२ ३४२
६५४
३४३
६८५ ६८६ ६८७
३२४
६५५ ६५६
३४३ ३४३
६८८
६
८९
६९०
३४
६५७ ६५८ ६५९
३३०
विषय आलोचना-१(ग) आलोचना के कारण आलोचना के दोष आलोचना करने का क्रम आलोचना श्रवण के योग्य आलोचना करने के योग्य साधर्मिकों की आलोचना तथा प्रस्थापनाविधि आलोचना न करने वाले का आध्यान आलोचना करने के कारण आलोचना न करने के कारण आलोचना न करने का फल आलोचना करने का फल बालोचना का फल कपट साहेत तथा कपट रहित आलोचक
को प्रायश्चित्त देने की विधि प्रस्थापना में प्रतिसेवना करने पर आरोपणा आलोचना और प्रायश्चित्त-१(घ) आक्षेप लगाने वालों को प्रायश्चित्त अनुदातिक प्रायश्चित्त के योग्य अनवस्थाप्य प्रायश्चित्त के योग्य अनवस्थाप्य ग्लान भिक्षु को मघु प्रायश्चित्त देने
का विधान घेदोपस्थापनीय प्राथपिचत के योग्य पाराचिक प्रायधिचत्त के योग्य पारापित ग्लान भिक्षु को लघु प्रायश्चित्त देने का
विधान लघु प्रायश्चित्त के योग्य प्रायश्चित्त का फल आत्मनिंदा का फल अनेक प्रकार की माँ आत्मगहों का फल परिहारिक तप-१ (क) परिहारिक और अपरिहारिकों का निषद्यादि
व्यवहार परिहारिक और अपरिहारकों के परस्पर
आहार सम्बधी व्यवहार परिहारकल्पस्थित रुग्ण भिक्ष की अल्प
प्रायश्चित्त देने का विधान परिहार कल्पस्थित भिक्षु की वैयावृत्य यावृत्य-२ वैयावृत्य स्वरूप वैयावृत्य करने वालो की चीभगी वैयावृत्य के प्रकार
६९२
३४४
६६०
६९४ ६९५
६६२
الله
३२०
स्वाध्याप-३
स्वाध्याय के भेद ३२१
सूत्र सीखने के हेतु ३२२
स्वाध्याय का फल
अन्यतीथिकादि के साथ स्वाध्याय भूमि गमन ३२४
प्रायश्चित्त सूत्र निन्दित कुल में स्वाध्याय देने का प्रायश्चित्त सूत्र
सूत्र वाचना के हेत ३२७
सूत्र वाचना के योग्य सूत्र वाचना के अयोग्य
सूत्र वाचना का फल ३३०
घृणित कुल में वाचना देने लेने के ३३०
प्रायश्चित्त सूत्र अविधि से वाचना देने के प्रायश्चित्त सूत्र पार्श्वस्थादि को वाचना देने के प्रायश्चित्त सूत्र प्रतिप्रश्न का फल पुनरावृत्ति का फल अनुप्रेक्षा का फल कधा के भेद
प्रवचन का स्वरूप ३३२
धर्म कथा के विधि-निषेध धर्मकथा विवेक
धर्मकथा का प्रभाव ३३४
धर्मकथा का फल स्त्री परिषद में रात्रि धर्म कथा करने का
प्रायश्चित्त सूत्र ध्यान-४
निषि ध्यान और विहित ध्यान २३५ धान के भेद
आर्तध्यान के भेद ३३६ आर्तध्यान के लक्षण ३३७ रौद्रध्यान के भेद
रौद्रध्यान के लक्षण ३३७ धर्मध्यान के भेद ३३७ धर्मध्यान के लक्षण ३३७ धर्मध्यान के आलम्बन
६६३
الله
६९७
३४६ ३४६ ३४८
६६४
للع
३४८
الله
६९५ ७०० ३४८ ७०१ ३५० ७०२३५१
للبيع
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७०३
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६७०
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७०४ ७०५ ७०६ ७०७ ७०८ ७०९ ७१०
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