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चरणानुयोग-२
दु:ख का अन्त करने वाली प्रवग्या
सूत्र ५६-५८
(७) रोगिगिया, (८) अणादिता, (३) देवसग्णत्ती, (६) पूर्व जन्म स्मरण से, (७) रोग के निमित्त से, (८) अनादर (१०) बच्छाणुबंधिया । -ठाणं अ. १०, सु. ७१२ होने पर, (6) देव द्वारा बोध पाने पर, (१०) दीक्षित होते हुए
पुत्र के निमित्त से ली जाने वाली दीक्षा। दुक्खांतकरी पव्वज्जा
दुखना शस्त करने वाली प्रवज्या५६. सुमेह मे एगगामणा, मग बुद्धहि वेसियं । ५६. तुम एकास मन होकर (तीर्थंकरों) के द्वारा उपदिष्ट मार्ग जमायरन्सो भिषलू दुक्खाणन्तकरो भवे ।। को मुझ से सुनो जिसका आचरण करता हुआ भिक्षु दुःखों का
अन्त कर देता है। गिहवासं परिच्चज्ज पवाजा मासिओ मुणी।
जो मुनि गृहवास को छोड़कर प्रश्रज्या को अंगीकार कर इमे संगे वियाणिज्जा हि सज्जन्ति गाणवा ॥1
चुका है वह इन कर्मबन्ध के स्थानों को जाने जिनमें कि मनुष्य -उत्त. अ. ३५, गा. १-२ आसक्त होते हैं।
उपस्थापना-विधि-निषेध-३
उबट्टावणं कालमाणं
बड़ी दीक्षा देने का काल प्रमाण५७. तओ सेहभूमिओ एण्णताओ, ते जहा
५७, नवदीक्षित शिष्य की तीन शैक्ष भूमियां कही गई हैं।
जैसे१. सत्त-राइंदिया, २. चाउम्मासिया,
(१) सप्लरात्रि-देवसिक, (२) चातुर्मासिक और ३. छम्मासिया ।
(३) षागमासिक। छम्मासिया उक्कोसिया ।
उत्कृष्ट छह मास से महाबत आरोपण करना। चाउम्मासिया मज्जामिया ।
मध्यम चार मास से महावत आरोपण करना । सत्त-राइविया जहन्निया । - वद. उ. १०, सु. १६ जघन्य सातवें दिन महावत आरोपण करना । उपटावण विहाणाई
उपस्थापन के विधान५८. आयरिय-उबझाए सरमाणे परं चउराय पंचरायाओ कप्पागं ५८. आचार्य या उपाध्याय को स्मरण होते हुए भी बड़ी दोक्षा
भिक्खु नो उबट्टावा, कप्पाए, अस्थिपाई से केइ माणणिज्जे के योग्य भिक्षु को चार पाँच रात के बाद भी बड़ी दीक्षा में कापाए, नत्यि से केह छए वा, परिहारे वा।
उपस्थापित न करे। उस समय यदि उस नवदीक्षित के कोई पूज्य पुरुष की बड़ी दीक्षा होने में देर हो तो उन्हें दीक्षा घेद
या तप रूप कोई प्रायश्चित्त नहीं आता है। स्थियाइं से के माणणिज्जे कप्पाए, से सन्तरा छए वा यदि उस नवदीक्षित के बड़ी दीक्षा लेने योग्य कोई पूज्य परिहारे ना।
पुरुष न हो तो उन्हें उस चार पाँच रात्रि उल्लंघन करने का छेद या तप रूप प्रायश्चित्त आता है।
१ इन गाथाओं से आगे की गाथामें प्रत्येक महावत के साथ संकलित की गई हैं अतः मानब की आसक्ति के हेतु "संग" के प्रकार
वहाँ से जान लें। २ ठाणं. अ. ३, उ. २, सु. १६७ (१)1