Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. १२ : उ. ४ : सू. ७४-७६
भगवती सूत्र सात भागों में विभक्त होने पर सात स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल हो जाते हैं। ७५. भंते ! आठ परमाणु-पुद्गल एकत्र संहत होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता है? गौतम ! अष्ट-प्रदेशी स्कन्ध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो अथवा यावत् आठ भागों में विभक्त होता हैदो भागों में विभक्त होने पर एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर सात-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर छह- प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर तीन-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर पांच-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा दो चतुष्प्रदेशी स्कंध होते हैं। तीन भागों में विभक्त होने पर-एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर छह-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कन्ध, तीसरी ओर पांच-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी
ओर त्रिप्रदेशी स्कन्ध, तीसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो द्वि-प्रदेशी स्कन्ध, दूसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर दो त्रि-प्रदेशी स्कंध होते हैं। चार भागों में विभक्त होने पर एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर पांच-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो त्रि-प्रदेशी स्कंध होते हैं अथवा एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर त्रिप्रदेशी स्कंध होता है अथवा चार द्वि-प्रदेशी स्कंध होते हैं। पांच भागों में विभक्त होने पर एक ओर चार स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा एक ओर तीन स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, तीसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कन्ध होता है अथवा एक ओर दो स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी
ओर तीन द्वि-प्रदेशी स्कंध होते हैं। छह भागों में विभक्त होने पर एक ओर पांच स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर त्रि-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर चार स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर दो द्वि-प्रदेशी स्कन्ध होते हैं। सात भागों में विभक्त होने पर एक ओर छह परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध होता है।
आठ भागों में विभक्त होने पर आठ स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल हो जाते हैं। ७६. भंते ! नौ परमाणु-पुद्गल एकत्र संहत होते हैं, उस संहति से क्या निष्पन्न होता है ?
गौतम ! नौ-प्रदेशी स्कंध निष्पन्न होता है। वह टूटने पर दो यावत् नौ भागों में विभक्त होता हैदो भागों में विभक्त होने पर एक ओर एक स्वतंत्र परमाणु-पुद्गल, दूसरी ओर आठ-प्रदेशी स्कंध होता है अथवा एक ओर द्वि-प्रदेशी स्कंध, दूसरी ओर सात-प्रदेशी स्कंध होता है
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