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CASTO5015015XDISASTE विधानुशासन DISTR5RIDISCSSCIEN
तत्त शरीर वर्णाभिधान द्योगादागतेन दश भावः
मनुनाऽने न दिगीशान्यजेत पंचोपचारज्ञाः दशो दिग्पालों के शरीर के रंग के अनुसार उनके मंत्रो से पंचोपचार पूजन करे।
॥१६॥
ॐ ह्रीं क्रों रक्त वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह परिवार हे अग्नि ....पूवर्वत्। ॐ ह्रीं को कृष्ण वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह परिवार है द्यम...पूर्ववत् ॐ ह्रीं क्रों श्याम वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु स चिन्ह परिवार हे नैऋत्य...पूर्ववत् ॐ ह्रीं क्रों धवल वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे वरूण..पूर्ववत ॥ ॐ ह्रीं को कृष्णा वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे वायु...पूर्ववत् ॥ ॐ ह्रीं कों पीतवर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे कुबेर...पूर्ववत्॥ ॐ ह्रीं क्रों धवल वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे ईशान...पूर्ववत्॥ ॐ ह्रीं क्रों निशाकर किरण प्रभ सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे धरेणन्द्र...पूर्ववत् अधरस्यादिशि इन्द्रेशानयोर्मप्टोभागेः ॐ ह्रीं क्रों धवल वर्ण सर्व लक्षण सम्पूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपरिवार हे सोम...पूर्ववत् ऊरायांदिशि नैऋत्य वरूणयो मध्ये
इन्द्राय स्वाहा, इन्द्र परिजनाय स्वाहा, इन्द्रानुचराय स्वाहा, इन्द्रमहत्तराय स्वाहा, आग्नेय स्वाहा, अनिलाय स्वाहा, वारूण्टा स्वाहा, सोमाय स्वाहा, प्रजापतेटो स्वाहा, ॐ स्वाहा, भूस्वाहा, भुवः स्वाहा , स्व स्वाहा, ॐ भूर्भुवः स्वाहा, ॐइन्द्र देवाय स्वगण परिवृताय इदं अप्य पाद्यं गयं पुष्पं धूपं दीपं फलं बलिं अक्षतं स्वस्तिकं यज्ञ भागं च यजामह प्रति ग्रह्यतां प्रतिग्रह्यतामिति स्वाहा॥
SSIRIDIOISODERISTICISION ८६ P51035925SIRIDIOS2050