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SASARASOISSIRIS015 विद्यानुशासन 95131501501512135015
हिम गोस्तन गोपि भिस लोद्राभिः श्रितं पिबेत क्षीरं स शर्करंगव्यं गर्भ श्राव निवर्तनं
॥८॥ कपूर दाख गोरीसर और पठानी लोध को गाय के दूध और शक्कर के साथ पीने से गर्भ श्राव रूक जाता है।
के साथ पीले २ ॥४॥
तरूणेनालिकेरस्य पुष्प रौदंबरैः फलः अष्टश्च कल्कितः काथोगर्भध्वंस निवत्तये
॥९॥ एरंड नारियल के पुष्प गूलर के फल और अब्द (नागर मोथा) का कल्क बनाकर काथ करके पीने से गर्भ ध्वंस नष्ट हो जाता है।
लोयोत्पल तंदुल राष्टी हिम शारिबा सिता कल्कः
गर्भ ध्वसं शमयति परिपीतो योषितां सहसा ॥१०॥ लोध नीलोफर साठी थायल मुलहटी कपूर गोरीसर (शारिब) के कस्क को पीने से स्त्रियों का गर्भ ध्वंस तुरन्त ही शांत हो जाता है।
कल्किताभि स्तिल शिवाऽमृता नीलोत्पल यष्टिभिः
पीताभिध्वंसते स्त्रीणां गर्भ प्रथ्वसं भीरुतां ॥११॥ तिल काला धतूरा गिलोय नीलोफर मुलहटी के कल्य को पीने से स्त्रियों का गर्भ पात का भय जाता रहता है।
मार्कव स्वरसं गव्यं वीरं च सदशं पिबेत् अंतर्वली भवेतस्या नैव गर्भ परिच्युति
॥१२॥ कौंच का स्यरस और गाय के दूध को बराबर ले कर पीने से गर्भ अन्दर से यली हो जाती है। और गिरता नहीं है।
यष्यत्पल सिता चूर्णपानं गर्भ परिच्यती नियछेद् वेदनां द्रव्यैः परिषेकश्च शीतलैः
॥१३॥ मुलहटी मीलोफर और शकर के चूर्ण को गर्भपात का दर्द होने में दें। और ठंडी चीजों का लेप भी करें।
मागधी घातकी पुष्प प्रियंगु मधुकैः श्रितं क्षीरं सु शीतलं पीतं गर्भा श्रुति रूजापहं
॥१४॥ CASIOTSIDERISTICISTERSTORE ४१३ PADRISTICSSRASTRI52050