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विधानुशासन 26696969595
रोग नाश मंत्र
ॐ श्रिये श्री करि धन करि धान्य करि पुष्टि करि वृद्धि करि अविघ्न करि सर्व
करि ठः ठः
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लक्ष जपात्सिद्धो यं जयाभिषेकादि भि हरे दुःखं मंत्री वसुधाराया दरिद्रं रोगमपि सकलं
॥ १३ ॥
यह मंत्र एक लाख जप करने से सिद्ध होता है जप और सुधार खान आदि से दुख और सब दरिद्र रोग को दूर करता है।
सर्व सिद्धि मंत्र मंत्रयमो वद्योतत काय ठः ठः त्येषः प्रसिद्धपति षट लक्ष जापतः सांगः सूर्य द्दग सर्वसिद्धिदः
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ॐ खद्योत तकाय ठः ठः इस मंत्र का अंग सहित सूर्य की तरफ देखते हुए छह लाख जपने से यह सब सिद्धियों को देता है।
श्रूष्म रूपाय श्रूष्म तेज से श्रूष्मकराय श्रुष्म वलाय शुष्म हुं फट अंगानि
तेन चतुः पंचाशत वारान जतै सुगंध कुंभ जलैः
स्यादभिषे को रविवारे पुष्टि करो हस्त सप्तमी संयुक्त ॥ १५ ॥
इस मंत्र से चव्वन बार जपे हुए सुगंधित घड़ों के जल से रविवार के दिन हस्त नक्षत्र और सप्तमी तिथि को अभिषेक करे तो पुष्टि करता है।
सर्व संपदा प्राप्ति मंत्र उत्तिष्ट पुरि हिरि पिंगल देहि देहि द दापय ठः ठः दशांश होम संयुक्ता लक्ष रूप प्रजापतः स्वाहा प्रियतम स्यैष मंत्रः संसिद्ध मृच्छति यह अग्रि मंत्र एक लाख जप और दशांश होम से सिद्ध होता है।
॥ १६ ॥
सकृति कायां
शालिभिरेतैन,
प्रति पदि धन करो होम नित्यं शमी समिद्धि दधि संयुक्तेन धान्येन ॥ १७ ॥
कृतिका नक्षत्र वाली प्रतिपदा में शमी (खेजड़ा) वृक्ष की समिधाओं और दही और धान्य से धन को देने वाला होम करना चाहिए।
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