________________
CASIOSRIDDISTRISTRIS विद्यानुशासन PASSIODISTRISIRIDICISM
गुलिका रचिता रवायां पीता मषिक विषं हरत्य
चिरात् आरवून उच्चाटयति च ग्रहे क देशे विनिक्षिप्ता ॥७॥ बनाई हुई गोली को खारे नमक के साथ पीने से चूहों का विष नष्ट हो जाता है और यदि इसको घर के एक कोने में रख दिया जावे तो चूहों का उच्चाटन घर से करता है।
कांता शरीष कुसुमं कुस्तुंबरू निशाद्वयैः समूत्रै गरलं मूषिकानां नि वार्यते
॥७१॥ कांता (सफेद दोब) सिरस का फूल कुस्तुंबरू (धनिया) और दोनों हल्दी मूत्र के साथ पीसकर सेवन करने से चूहों के विष को दूर करता है।
तिल तिलकांकालांशफा कपित्य मध्यंच पशु जलेन
पीवेत आरवु विर्षे विलिंपेदप्य नां जाबूना कोल मूलं वा ॥ ७२ ॥ तिलतिलक अंकोल की जड़ कापित्य (कैथ काथोड़ी मधु (शहद) को गाय के मूत्र से पीवे अथवा चूहे के विष में अंकोल की जड़ को पीस कर लेप करे जांबूना पाठ होने पर जामुन की जड़ भी लेप में लेवें।
क्षीरेण पीत माज्येन मूल मामलकी तरोः मूषिकानां विषं हन्यारन्मत्तानां श्रुनामपि
॥७३॥ आमले के वृक्ष की जड़ को घी और दूध के साथ पीने से पागल चूहों का विष निस्संदेह नष्ट हो जाता है।
आमलकी दूम मूलं पीतम जाक्षीर पिष्टमथ कृत्वा उन्मत्त मूषिकानां गरलं हरं नात्र संदेहः
॥७४।। आमले के वृक्ष की जड़ को बकरी के दूध में पीसकर दूध के साथ पीने से पागल चूहों का विष निस्संदेह नष्ट हो जाता है।
पीतैः क्षीरेण भवेद् वन मालायाः प्रतीच्या दलौ हंसाधि पिष्ट वलकल सहितै मूषिक विषाक्षेपः
॥७५॥ वनमाला (सेवत्ती या बड़ी लम्बी माला) के पश्चिम की तरफ के सात पत्तों के साथ हंसानि (हंस पदी) की वक्कल को पीसकर दूध के साथ पीने से चूहों का विष नष्ट हो जाता है।
C505051215121SRISTRI5७०४ PISTRISERSIOUSIC5215015