________________
PSPPSPSS विधानुशासन 25PSPSP55
क्षुद्र नाम वाले मंत्र उच्चाटन विद्वेषण स्तंभन शत्रुता आदि बहुत प्रकार से चलने वाले तथा स्थित स्थावर और जंगम विष नवग्रह और पिशाच आदि
अन्यैरपिद्वशैर्य नृणां कृत्वा उपद्रवाजाताः, यंत्रमिदमर्चमाने तेषां परमः प्रतिकारः
॥ ११९ ॥
तथा अन्य दूसरे भी जिनसे पुरुषो को उपद्रव होते हैं। उन सबका सबसे उत्कृष्ट प्रतिकार इस यंत्र का पूजन करने से होता है।
हंत्यपमृत्युं विजयं कुरुते लक्ष्मीं परां समातनुते आरोग्यं सौभाग्यं शांतिं पुष्टिं च विदधाति
॥ १२० ॥
यह यंत्र अपमृत्यु को नष्ट करता है विजय कराता है उत्तम लक्ष्मी को देता है तथा आरोग्य और सौभाग्य शांति और पुष्टि को करता है ।
क्षुद्र ग्रहाधुपद्रव हरमभिमत साधनं च पटु यंत्र, अनुपममेतज्जानन भवति नरेंद्रो नरेंद्राह:
॥ १२१ ॥
यह यंत्र छोटे मोटे ग्रहों के उपद्रवों को नष्ट करता है और इच्छा किये हुए कार्य को सिद्ध करने में चतुर है। इस यंत्र को इस प्रकार अनुपम जानता हुआ पुरुष राजा और उत्तम मनुष्यों में पूज्य हो जाता है ।
इति अपमृत्युंजय यंत्र विधि समाप्तम् ।
五
DM - 14
M- - M
X
X
हलगे
X
|b44
C50/52/525250505143 PSR/SR/GPS
ちゃぶ