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CASIRIDICTIOISS1505 विद्यानुशासन PHOTOS10155551015TIN मंत्री इस मंत्र को जपकर पान खाकर मंडलि के सम्पूर्ण विष को क्षणमात्र में नष्ट कर सकता है।
शुभनाभ्यां शेत तुरंगाभ्यां भुक्तं संचितयुद्धपुः
मूदि मंडलिक्ष्वेल पीडितस्या विषं भवेत् शरीर के मस्तक से लगाकर नाभि तक भूखवाले तथा सफेज घोड़े से खाया हुआ ध्यान करे तो मंडली का विष नष्ट हो जाता है।
विषं मंडलिना मंत्री मंत्रं तंत्रंच योजयेत् आभूषणादिकं कर्मन कुर्वीत कदाचन
॥८॥ मंत्री मंडली के विष में केवल मंत्रो और तंत्रो का ही प्रयोग करे, आभूषण (काटे हुये स्थान पर कपड़ा बांधना) आदि कर्म कभी नहीं करे।
नील्या लज्जारिका पीता कल्कि कृता शिफा तदुलक्षालने नाशु मंडलि चेल नाशिनी
॥९॥
निपतिः सेंधवो पेतः कुवराक्षी दलाद्रस: विषं गोमूत्र सहितो रक्त मंडलिनां हरेत्
॥१०॥ नील्या(नील) लज्जारिका (छुईमुई) यावा (लाख लाही) की जड़ के कल्क को पीने और चावलों द्वारा धोने से मंडली का विष नष्ट हो जाता है। (यावा चावलों की एक किस्म का नाम है।) कुवेराक्षी (सफेद पाटल) के पत्तों के रस में सेंधा और गोमूत्र को मिलाकर पीने से लाल मंडली का विष नष्ट होता है।
भक्षितं सर्पिषा कल्क: कदंब दुम कल्कलात्
जयेन्मडलिनो रक्तान कृष्णान श्वतोनऽहिनऽपि ॥११॥ कदंब वृक्ष के वल्कल के क्लक को घी के साथ खाने से मंडली सर्प रक्त सर्प काला सर्प और श्वेत सो का विष नष्ट होता है।
कां कादम्यां शिफां हंति पानेना लेपने वा विषं मंडलि संभूतं रक्तिकाया: शिफाथवा
॥१२॥ कदम्ब की जड़ या लाल चिरमी की जड़ का लेप अरने अथवा पिलाने से मंडली सर्प का विष नष्ट होता है।
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