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SSCIRCISecrpca विधान
एकवण दियण च त्रिवण तुव्यं वर्णकं पंचवर्ण महावणं सपरं च परापरं
सकल निष्कलं तुहं निर्वत मांति थअिंत निरंजनं निराकांक्ष निलेप वीतसंशयं
॥१७॥
बमाणमीवरं युद्धं शुद्धं सिद्धं भंगुरं ज्योति रूपं महादेवं लोकालोक प्रकाशकं
॥१८॥ अब अर्हत के बिंब के ध्यान का स्वरूप बतलाते हैं। अहत भगवान का बिंब अक्षय शाश्यत जन्म मरण रूप से रहित है। कर्मरूपी मल से रहित है। शांतमूर्ति शांतमुद्रा वाले है। अत्यंत श्रेष्ठ है। अज्ञानता से रहित है। मद से रहित है। अभिलाषा से रहित है। - अंहकार से रहित है। श्रेष्ठ श्रेष्ठों में भी अत्यंत श्रेष्ठ हैं। मदरहित है (उतपने से रहित है) शुभ है, स्वच्छ है, शांत गुण होने से सात्विक है। तीन लोक के मालिक होने से राजस गुणवाले है।मतं अर्यात् कहा है । अष्ट कर्मों के नाश करने के लिये तामस गुण युक्त है। श्रृंगार आदि रसों से रहित है।झानयान से है।ज्योतिरूप सहित है। पूनम की चांदनी रात के सामन उजवल आनन्द कारी है। आहेत की अपेका शरीरसहित होने से साकर अर्थात् आकार सहित है।सिद्ध की अवस्था में शरीर रहित होने से निराकार आकार रहित है। ज्ञानरस से भरे होने के कारण सरस है परन्तु रसादि विषय से रहित हैं। रम अर्थात उत्कृष्ट है। कम से उत्कृष्ट है। परातीतं अर्थात् शत्रुता से रहित है। परंपरं अनुक्रम से अतीत है। परात्परं आदि से भी परे अर्थात अनादि है। सपर अर्थात् स से परे आगे का वर्णहकार अक्षर जो अरहंत का वाचक है यह एक वर्ण का सफेद है, दो वर्ण का श्याम है, तीनवर्ण का लाला है। सूर्यवर्ण अर्थात् ४ चार रंग का अर्थात् नीले वर्ण का है। पांचवर्ण का पीला वर्णवाला भी है। महावर्ण अर्थात् उत्कृष्ट वर्ण का है। उत्कृष्ट से भी उत्कृछ पांच वर्ण का हकार है। सकलं अर्थात कला सहित है।अर्हत की अपेक्षा सकल है सिद्धों की अपेक्षा शरीर रहित है। तुष्ट अर्थात उनको देखने से संतोष उपजाने वाला है निर्वृतं अर्थात भमण रहित होने से कल्याण के हेतु है। भांति भमण रहित है। कर्माजन से रहित है। इच्छा से रहित है. कर्मरूपी लेप से रहित है संशय रहित है। ब्रह्म स्वरूप है सब भव्यजीवों को हित की शिक्षा देने से ईपर तीन लोक के स्वामी है ज्ञानवान है। अठारह दोषों के न होने से शुद्ध है। सिद्ध स्वरूप है। संसार में आवागमन न होगे से क्षणभंगुरता से रहित है। ज्योति स्वरूप है। देवो से पूजन की होने से महादेव है तीन लोक और अलोक्ताकाश को अपने ज्ञान से प्रकाशने वाले हैं। CRCISCSCISCERTREA5 ३५७ PISOTSCISCIRCTERISTI