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स्वतंत्रता संग्राम में जैन
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जितने सेनानियों के पते प्राप्त हो सके उन्हें पत्र दिये, जिनमें अधिकांश वापिस आ गये। लगभग तीन हजार पत्रों का आदान-प्रदान हमें इस कार्य के लिए करना पड़ा है।
सामग्री की प्रामाणिकता बनाये रखने के लिए जिस पुस्तक/लेख/पत्र-पत्रिका आदि से आधारभूत सामग्री ग्रहण की गई है, उसका उल्लेख कर दिया गया है एवं उन्हीं का उल्लेख सन्दर्भ ग्रन्थ सूची में किया गया है। जहाँ एक निश्चित पृष्ठ से सामग्री का संचयन किया गया है, वहाँ पृष्ठ संख्या दे दी गई है। जहाँ एक ही पुस्तक/पत्र-पत्रिका आदि के अनेक स्थानों से सामग्री का संचयन किया गया है वहां पृष्ठ संख्या न देकर उसका नामोल्लेख किया गया है।
परम्परानुसार अनेक आलोचक बन्धु कह सकते हैं कि इस विषय में अमुक-अमुक सामग्री और होनी चाहिए थी तथा अमुक नहीं होनी चाहिए थी। उनका कहना सच भी है। वस्तुतः इतिहास अपना अवगुण्ठन एक साथ नहीं खोलता। परत-दर-परत इतिहास की तहें निकलती रहती हैं। अन्वेषक नये तथ्यों का अन्वेषण कर नई-नई स्थापनायें करते रहते हैं। हम आशा करते हैं कि अन्य बन्धु भी अपने अन्वेषणों से इस कार्य को आगे बढ़ाकर जैन समाज के गौरव में अभिवृद्धि करेंगे।
जिन सेनानियों का परिचय कम है उन्हें लग सकता है कि अधिक होना चाहिए था। पर हम उन्हें विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमने राग-द्वेष से परे रहकर, जो कुछ हमारे सामने था उसी के आधार पर प्रस्तुत सामग्री प्रस्तुत की है। हाँ यहाँ सेनानियों के राजनैतिक और धार्मिक क्रियाकलापों को ही मुख्य आधार बनाया है।
__ हम उन सेनानियों से क्षमाप्रार्थी हैं जिनसे यहाँ प्रमाण हेतु प्रमाणपत्र मंगाने पड़े। क्योंकि यहाँ जो लिखा है, साधार ही लिखा है। इस हेतु लाखों पृष्ठों की सामग्री का अध्ययन करना पड़ा है। लगभग दस हजार पृष्ठों की फोटोकापी भी करानी पड़ी है।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के ही अनेक जैन सेनानियों के परिचय हमारे पास हैं परन्तु कोई प्रमाण नहीं है अत: उनके परिचय इस खण्ड में नहीं दिये गये हैं। प्रमाण मिलते ही अगले खण्ड में उन्हें दिया जायेगा। साथ ही ऐसे अनेक नाम भी हैं, जिनके प्रमाण तो हैं पर परिचय प्राप्त नहीं हो सके हैं, उनका परिचय भी अगले खण्ड में देने की योजना है। हमारे पास ऐसे अनेक लेख संगृहीत हैं, जो स्वतंत्रता संग्राम में जैनों के अवदान को रेखांकित करने वाले हैं, इनका प्रकाशन भी आगामी खण्डों में करने की योजना है।
पाठकों से
पुस्तक के सन्दर्भ में कुछ निवेदन आपसे करना है। यदि किसी जैन शहीद या स्वतंत्रता सेनानी के सन्दर्भ में कोई जानकारी आपके पास है तो सप्रमाण हमें भेजकर अनुग्रहीत कीजियेगा। साथ ही इस पुस्तक में उल्लिखित शहीदों/सेनानियों के सन्दर्भ में कोई जानकारी हो तो उसे भी भेजकर अनुग्रहीत करें।
उपनाम के कारण लेखन कार्य में बड़ी समस्या हुई है। अनेक जैन बन्धु अपने नाम के आगे जैन न लिखकर उपनाम-सिंघई, सेठी, कासलीवाल, वैद, मालवीय, मलैया, पाटनी, चौधरी, पोरवाल, शाह, मेहता, पटवा, लबेंचू आदि लिखते हैं। कुछ बन्धु नाम के आगे कुछ लिखते ही नहीं। ऐसी दशा में सेनानी का परिचय तभी दिया गया है जब उनके जैन होने का पूर्ण पता कर लिया गया।
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