Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Nathulal Jain, Mahendrakumar Shastri
Publisher: Digambar Jain Vijaya Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
२५२]
[श्रीपाल चरित्र चतुर्थ परिच्छेद
अन्वयार्थ--(प्रभो) हे प्रभो ! (देव !) हे देव (जगद्वन्धपादपद्मद्वय ) संसार से वन्दनीय हैं आपके चरणकमल दोनों (जय) ऐसे अापकी जय हो (निश्सङ्क) आप शङ्का विहीन हैं (निर्द्वन्द्व) अप्रतिम प्रतापी हैं (निर्मद) मदर हित (प्रभुता प्रदम्) प्रभुता के देने वाले (जय) आपकी जय हो ।।
भावार्थ-हे प्रभो आप जगद्वन्ध हैं । हे देव सारा संसार आपके चरणों में नम्रीभूत है । आप शङ्का विहीन हैं. अप्रतिम प्रतापी हैं, मद बिहीन हैं, दोष रहित हैं अद्वितीय प्रतिभाधारी हैं तथा भक्तों को इन गुणों के प्रदाता हैं। हे भगवन ! आपकी जय हो, जय हो ।।१२३।।
जय श्रीजिन सद्भानो, लोकालोक प्रकाशकः ।
जय श्रीजिनचन्द्र स्वां, शान्तिकान्ति प्रदायकः ।।१२४।। अन्वयार्थ ---(श्रीजिन ! ) हे श्रीजिनभगवन् आप (लोकालोक) लोक और अलोक को (प्रकाशक:) प्रकाशित करने वाले गभानो हम दु वा साप (शान्तिकान्तिप्रदायक:) शीतलला एवं ज्ञानज्योति देने वाले (श्रीजिन) हे जिनप्रभो (चन्द्र) चाँद है (जय जय) आपकी जय हो, जय हो ।
भावार्थ- भानु दिन में उदित रहता है, कुछ ही स्थान के सीमित पदार्थों को ही प्रकाशित करता है, किन्तु हे श्री जिनदेव आप अद्वितीय भानु-सूर्य हैं। अर्थात् आपका ज्ञान रवि निरन्तर प्रकाशित-उदित रहकर युगपत तीनों लोकों के समस्त पदार्थों को अनन्तपर्यायों सहित प्रकाशित करने वाला है। आप की जय हो । रात्रि में चन्द्र क्षणिक शीतलता और कान्ति प्रदान करता है परन्तु आप चिरशान्ति और अनन्त आत्मज्योति प्रदान कर चिरसुख प्रदाता हैं, आप जयशील रहें ।।१२४।।
जय त्वं मुक्त सङ्गोऽपि, सर्व सम्पद्विधायकः । जय तेजोनिधदेव, दर्शिताखिल भूतल ॥१२॥
अन्वयाथ – (सङ्गः) परिग्रह (मुक्तः) रहित (अपि) भी (स्वम् ) आप-तुम (सर्व) सम्पूर्ण (सम्पत्) सम्पत्ति (विधायक:) देने वाले (जय) आपकी जय हो, (अखिल ) समस्त (भूतल) भूमण्डल (दर्शितः) दिखलाने वाले (तेजोनिधे !) हे प्रकाशपुञ्ज, (देव) हे देव (जय) जयवन्त हो।
मावार्थ--संसार में प्रसिद्धि है कि "जिसके पास जो होता है वही वह अन्य को देता है।" आनार्य भी कहते, "ददासि वस्तु यस्यास्ति सुप्रसिद्धमिदं वच" किन्तु परम आश्चर्य है कि सर्व-अशेष परिग्रह रहित होकर भी आप संसार को सर्व सम्पत्तियों के विधायक हैं। भक्तों