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। २९२ ) पुरस्कार विजेताओं की कुछ चिट्ठियाँ
भेजेंगा।
बनारस
प्रयाग २८-९-३६ २२ जनवरी, १९३७ प्रिय सम्पादक जी प्रिय महोदय,
मुझे आपका कासवर्ड पज़ल बहुत पसंद आया । - अापका २ जनवरी का कृपा-पत्र प्राप्त हुअा, जिसके हिन्दी में इस प्रकार का पज़ल अभी मुझे देखने को लिए आपको धन्यवाद' । इस प्रतियोगिता में भाग लेने नहीं मिला था। शब्दों के संकेत बड़े व्यावहारिक और का मुख्य उद्देश तो केवल मनोविनोद ही को लेकर था प्रत्येक मनुष्य के साधारण ज्ञान और अनुभव पर बनाये
और पारितोषिकप्राप्ति गौण रूप में। परन्तु पहली बार गये थे। अाज-कल हिन्दी में जो पहेलियाँ निकल रही निशाना ऐसा सटीक बैठा कि गौण मुख्य हो गया और हैं उनमें बिना कोष के काम नहीं चलता। आपके मुख्य गौण । अाप इससे घबरा न जायँ । मेरा विश्वास पज़ल की यह विशेषता थी कि उसके लिए कोष देखने है कि आपकी सरस्वती' हिन्दी-संसार के मनोरंजन के लिए की जरूरत नहीं पडी और यदि पडी भी तो इतनो ही किएक ऐसी सामग्री उपस्थित करती है जिसके अभाव तबीअत लगी रहे और मनोरंजन होता रहे। की पूर्ति और कोई चीज़ न कर सकी थी।
यद्यपि वर्ग नं. १ में मुझे सफलता बहुत कम मिली, ___ इससे मनोविनोद तो होता ही है, पर 'कोष' को बार तथापि जहाँ तक मनोरंजन और जानकारी का सम्बन्ध है वार देखने और शब्दों के खोजने से वर्ग-पूर्ति के शब्दों मुझे पूर्ण संतोष है। के अतिरिक्त और बहुत-से शब्द मालूम हो जाते हैं । अब रही सफलता की बात, सेा अाशा और विश्वास मैं इसकी प्रत्येक वर्ग-पूर्तियों में सम्भवतः भाग लूंगा। करता हूँ कि किसी न किसी वर्ग में एक शुद्ध पूर्ति अवश्य
भवदीय रामगोपाल खन्ना
आपका माधवप्रसाद शर्मा
खत्री पाठशाला बनारस
.२३.१२.३६ महाशय,
नमस्ते-पापका भेजा हुअा ४) का पुरस्कार हस्तगत हुआ जिसके लिए आपको अनेकानेक धन्यवाद–अापके प्रिय महादय, पुरस्कार ने मेरे हृदय में एक जागृति उत्पन्न कर दी है- मैंने वर्ग ५ की पूर्ति की और प्रथम पारितोषिक प्राप्त तथा जो विशेष पुरस्कार मेरे मित्रों को मिला है उससे किया। अंक-परिचय अथवा संकेत इतने सरल हैं कि उनकी मंडली में आनन्द का बादल उमड़ आया है- उनको देखकर प्रत्येक पाठक पूर्ति कर सकता है और अब मैं तथा मेरे मित्रगण अापकी प्रतियोगिता में सम्मिलित पारितोषिक ने तो "श्राम के ग्राम और गुठलियों के दाम" रहने की चेष्टा करते रहेंगे । आगे मेरी तथा मेरे मित्रों की की किंवदंती को चरितार्थ कर दिया है। मेरी भावना है कि सम्मति में प्रत्येक शिक्षित मनुष्य को आपकी प्रतियोगिता आपकी वर्गमाला पल्लवित हो। में सम्मिलित होना चाहिए-इससे उनके हिन्दी शब्द
आपका भांडार की वृद्धि होगी
रामेश्वरनाथ सेठ
हास्पिटल रोड भैरोंप्रसाद
आगरा
श्रापका
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