________________
सरस्वती
[ भाग ३८
होती है उसमें भी भारतवर्ष का स्थान सबसे नीचे है। एक और नक्शा भी बड़ा शिक्षाप्रद है। इस नकशे में एक हिस्से में अशोक के समय का भारतवर्ष दिखलाया गया है और दूसरे हिस्से में ब्रिटिश सरकार के समय का। पहले नशे में एक हिन्दू एक बौद्ध के साथ बड़े प्रेम के साथ हाथ मिला रहा है,
यद्यपि दोनों धमों में वा तक WITH FRETSAV
प्रतिस्पर्धा रही। इससे यह पता चलता है कि उस समय
विभिन्न सम्प्रदायों में किस [लखनऊ की प्रदर्शनी में : फ्रंट सास लकड़ी को कलापूर्ण ढङ्ग से काटने का प्रकार का सम्बन्ध था। ब्रिटिश एक दृश्य ।]
सरकार के समय के नशे में
हिन्दू और मुसलमान एक उसका स्थान फिर सबसे नीचं या करीब करीब सबसे नीचे दूसरे को पटकने की कोशिश कर रहे हैं । यह नकशा इस है। जिस नकशे में यह दिखाया गया है कि विभिन्न देश बात का द्योतक है कि हिन्दू-मुसलमान के बीच अाज-कल अपनी रक्षा करने के लिए फोन पर अपनी ग्रामदनी का कैसा रिश्ता है। ब्रिटिश सरकार अब यह शिकायत नहीं कितना हिस्सा खर्च करते हैं उसमें फिर भारतवर्ष का स्थान कर सकती कि आन्दोलनकारी उसकी अनुचित ग्रालोचना सबसे ऊँचा है। जिस नकशे में यह दिखलाया गया है कि करते हैं। अपने ही सरकारी शिक्षा सम्बन्धी कोट में और विभिन्न देशों के प्रत्येक मनुष्य की सालाना ग्रामदनी कितनी अपनी ही सरकारी प्रदर्शनी में ब्रिटिश सरकार की ऐसी
सच्ची बातों का प्रदर्शन हुआ है जिनसे उसकी प्रतिष्ठा
MINICRAFT PFHNSTRATIONS
प्रदर्शनी के भीतर स्त्रियों द्वारा कताई और कसीदा आदि काड़ने का प्रदर्शन । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
दस्तकारी की वस्तुओं के प्रदर्शन का एक साधारण दृश्य ।
www.umaragyanbhandar.com