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संख्या ६]
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सामयिक साहित्य
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उत्तर--मैं सिर्फ़ सीधा सादा खाना खाता हूँ, वैसा साम्राज्यवाद है। साम्राज्यवाद-किसी रूप में भी खाना जैसा किसान खाते हैं । मैं फल बहुत खाता हूँ। क्यों न हो, संसार के लिए किसी हालत में भी हितकर
प्रश्न-क्या आप चाय कहवा अथवा ऐसी ही और नहीं हो सकता। साम्राज्यवाद चाहे लेोकतन्त्र-शासन के कोई चीज़ सेवन करते हैं ?
रूप में हो (जैसा कि पश्चिमी योरप में है) और चाहे वह उत्तर--मैं चाय अथवा-कहवा नहीं सेवन करता। फ़ासिस्ट तानाशाही के रूप में (जैसा कि मध्य-योरप के - प्रश्न -श्राप नित्य कितनी देर तक और कौन-सा . देशों में है) हम एक स्वातन्त्र्य-प्रेमी की हैसियत से उसकी व्यायाम करते हैं ?
कद्र नहीं कर सकते। , उत्तर-मैं ३०-४० मिनट तक नित्य व्यायाम करता हूँ तीसरी बात जिसे हमें कभी न भूलना चाहिए वह तथा सब प्रकार के खेलों का अभ्यास करता हूँ । गरमी के यह है कि हिन्दुस्तान की राष्ट्रीयता एक चीज़ है। यदि दिनों में मैं तैरना अधिक पसन्द करता हूँ और जाड़े के हम उन्नति करना चाहते हैं तो हमें याद रखना है कि दिनों में मैं स्काइंग (काठ के यंत्र पैरों में पहनकर बरफ़ पर हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रान्तों और सम्प्रदायों को एक फिसलना) का मुझे बहुत शौक है । मैं प्रतिदिन घोड़े की झण्डे के नीचे अपनी ताकत संगठित करनी है। इसी से सवारी करता हूँ। मैं मशीनवाले सभी खेलों में दक्ष हमारा कल्याण हो सकता है। प्रान्तीय अथवा साम्प्रहूँ, जैसे साइकिल, मोटर साइकिल, मोटर और हवाई दायिक भेद-भाव का महत्त्व देना हमारे लिए बहुत ही जहाज़ चलाना।
घातक है। देशहितैषी का कर्तव्य है कि वह देश की प्रश्न-सोने के सम्बन्ध में आपकी आदते कैसी हैं ? सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को विस्तृत दृष्टिकोण
उत्तर-मैं नियम-पूर्वक रात को ७-८ घंटे सोता से विचार करें। हूँ। रात को लगभग १० बजे सो जाना और सवेरे ७ बजे चौथी बात हमारे लिए यह ज़रूरी है कि हम देश के तक उठ पड़ना मेरा नियम है । मैं दिन को कभी नहीं किसानों और मज़दूरों का संयुक्त मोर्चा बनाकर उन्हें सोता। अधिक खाना खाने से ही दिन में नींद आती है। साम्राज्यवाद-विरोधी संघर्ष में एकत्र करें। देश की सभी
साम्राज्यवाद-विरोधी शक्तियों को कांग्रेस के नेतृत्व में श्री सुभाषचन्द्र बोस की पाँच बातें श्राज़ादी की लड़ाई लड़नी चाहिए। यह प्रसन्नता की बात है कि सरकार ने श्री अन्तिम महत्त्वपूर्ण बात जिसे हमें कभी न भूलना सुभाषचन्द्र बोस को बिना किसी शर्त के छोड़ दिया चाहिए अहिंसा का सिद्धान्त है। है। छूटने के बाद ही कलकत्ता में उनका सार्वजनिक रूप से अच्छा स्वागत हुआ। उस अवसर पर हिन्दू-हित और नये मंत्रिमंडल भाषण करते समय उन्होंने भारतीयों को पाँच बातों कांग्रेस के मन्त्रि-पद न स्वीकार करने पर प्रान्तीय पर बराबर ध्यान रखने की सलाह दी। वे पाँच सरकारों ने अपने जो मंत्री नियुक्त किये हैं उनमें बातें इस प्रकार हैं
मुसलमानों की संख्या हिन्दुओं की अपेक्षा बहुत पहली बात जिसे हमें कभी न भूलना चाहिए यह है अधिक है। इस पर कुछ समाचार-पत्रों ने जिनका कि संसार आज किधर जा रहा है। हिन्दुस्तान की तकदीर कांग्रेस से मत-भेद है, यह आन्दोलन प्रारम्भ किया दुनिया की तकदीर के साथ है। अतएव संसार की है कि कांग्रेस के पद न ग्रहण करने का एक परिणाम मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही हमें यह हुआ है कि जिन प्रान्तों में हिन्दुओं का बहुमत हिन्दुस्तान के आन्दोलन के रुख को ठीक रखना है। है वहाँ भी मुसलमान प्रधान मंत्री हो गये हैं। इस कोई भी चाल चलने के पहले हमें अच्छी तरह सेाच प्रकार हिन्दुओं की हानि हुई है और आगे भी लेना चाहिए कि हमें आगे कौन चाल चलनी है। उनके हितों पर कुठाराघात होता रहेगा। इस भ्रम
दूसरी बात जिसका हमें सदा ख़याल रखना चाहिए पूर्ण उक्ति का सहयोगी 'आज' ने 'लीडर' के एक
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