________________
লক্সক্স আয়ি গুল্লিা ।
Johayo
rar
सम्पादक
देवीदत्त शुक्ल श्रीनाथसिंह
जून १९३७ }
भाग ३८, खंड १ ___ संख्या ६, पूर्ण संख्या ४५०
ज्येष्ठ १६६४
नियति
लेखक, ठाकुर गोपालशरणसिंह
आशाओं की मादकता
कुछ रङ्ग दिखानेवाली है। जीवन को अब कहाँ खींचकर __ वह पहुँचानेवाली है। अभिलाषाओं के उपवन में
मधुऋतु आनेवाली है। यही देखना है अपने को
क्या वह लानेवाली है।
जो दुनिया है बीत गई
वह कभी न आनेवाली है। पर जो दुनिया अब आई है
वह भी जानेवाली है। जीवन के सुख-दुख का निर्णय
नियति सुनानेवाली है। घोर घटा यह काली-काली
क्या बरसानेवाली है।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com