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व्यव्यस्त रेखा शब्द पहली
CROSSWORD PUZZLE IN HINDI
३०० (शुद्ध पुर्तियों पर
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नियम – (१) वर्ग नं० ११ में निम्नलिखित पारितोषिक दिये जायँगे | प्रथम पारितोषिक – सम्पूर्णतया शुद्ध पूर्ति पर ३००) नक़द । द्वितीय पारितोषिक – न्यूनतम अशुद्धियों पर २००) नक़द । वर्गनिर्माता की पूर्ति से, जो मुहर बन्द करके रख दी गई है, जो पूर्ति मिलेगी वही सही मानी जायगी ।
(२) वर्ग के रिक्त कोष्ठों में ऐसे अक्षर लिखने चाहिए जिससे निर्दिष्ट शब्द बन जाय । उस निर्दिष्ट शब्द का संकेत -परिचय में दिया गया है। प्रत्येक शब्द उस घर से आरम्भ होता है जिस पर कोई न कोई अङ्क लगा हुआ है और इस चिह्न () के पहले समाप्त होता है । अङ्क-परिचय में ऊपर से नीचे और बायें से दाहनी ओर पढ़े जानेवाले शब्दों के अलग अलग कर दिये गये हैं, जिनसे यह पता चलेगा कि कौन शब्द किस ओर को पढ़ा जायगा ।
(३) प्रत्येक वर्ग की पूर्ति स्याही से की जाय। पेंसिल से की गई पूर्तियाँ स्वीकार न की जायँगी । अक्षर सुन्दर, सुडौल और छापे के सदृश स्पष्ट लिखने चाहिए। जो अक्षर पढ़ा न जा सकेगा अथवा बिगाड़ कर या काटकर दूसरी बार लिखा गया होगा वह श्रशुद्ध माना जायगा ।
या
(४) प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जो फ़ीस वर्ग के ऊपर छपी है दाख़िल करनी होगी। फ़ीस मनी - आर्डर द्वारा या सरस्वती - प्रतियोगिता के प्रवेश शुल्क - पत्र (Credit voucher) द्वारा दाखिल की जा सकती है। इन प्रवेश शुल्क-पत्रों की किताबें हमारे कार्यालय से ३) ६) में ख़रीदी जा सकती हैं। ३) की किताब में आठ आने मूल्य के और ६) की किताब में १) मूल्य के ६ पत्र बँधे हैं। एक ही कुटुम्ब के अनेक व्यक्ति, जिनका पताठिकाना भी एक ही हो, एक ही मनीआर्डर द्वारा अपनी अपनी फ़ीस भेज सकते हैं और उनकी वर्ग-पूर्तियाँ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
२००१ न्यूनतम् अशुद्धियों पर
भी एक ही लिफ़ाफ़ या पैकेट में भेजी जा सकती हैं। मनीआर्डर व वर्ग- पूर्तियाँ 'प्रबन्धक, वर्ग- नम्बर ११, इंडियन प्रेस, लि०, इलाहाबाद' के पते से आनी चाहिए ।
(५) लिफ़ाफ़ में वर्ग-पूर्ति के साथ मनीआर्डर की रसीद या प्रवेश शुल्क-पत्र नत्थी होकर श्राना अनिवार्य है । रसीद या प्रवेश शुल्क -पत्र न होने पर वर्ग-पूर्ति की जाँच न की जायगी। लिफ़ाफ़ की दूसरी ओर अर्थात् पीठ पर मनीर्डर भेजनेवाले का नाम और पूर्ति संख्या लिखनी श्रावश्यक है।
(६) किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह जितनी पूर्ति - संख्यायें भेजनी चाहे, भेजे । किन्तु प्रत्येक वर्गपूर्ति सरस्वती पत्रिका के ही छपे हुए फ़ार्म पर होनी चाहिए । इस प्रतियोगिता में एक व्यक्ति को केवल एक ही इनाम मिल सकता है । वर्गपूर्ति की फ़ीस किसी भी दशा में नहीं लौटाई जायगी। इंडियन प्रेस के कर्मचारी इसमें भाग नहीं ले सकेंगे ।
(७) जो वर्ग-पूर्ति २३ जून तक नहीं पहुँचेगी, जाँच में नहीं शामिल की जायगी । स्थानीय पूर्तियाँ २३ ता० का पाँच बजे तक बक्स में पड़ जानी चाहिए और दूर के स्थानों ( अर्थात् जहाँ से इलाहाबाद डाकगाड़ी से चिट्ठी पहुँचने में २४ घंटे या अधिक लगता है) से भेजनेवालों की पूर्तियाँ २ दिन बाद तक ली जायँगी। वर्ग-निर्माता का निर्णय सब प्रकार से और प्रत्येक दशा में मान्य होगा । शुद्ध वर्ग-पूर्ति की प्रतिलिपि सरस्वती पत्रिका के अगले श्रृङ्क में प्रकाशित होगी, जिससे पूर्ति करनेवाले सज्जन अपनी अपनी वर्ग-पूर्ति की शुद्धता अशुद्धता की जाँच कर सकें ।
(८) इस वर्ग के बनाने में 'संक्षिप्त हिन्दी - शब्दसागर' और 'बाल-शब्दसागर' से सहायता ली गई है।
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