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. सरस्वती
[भाग ३८
कुर्ग
प्रकाश भी पड़ने लगा है। भारतीय बैंकिंग-जाँच-कमिटी में बेच डालते थे। पुलिस के हाथ ऐसे उड़ाये हुए १७० . की जो रिपोर्ट हाल में प्रकाशित हुई है उससे प्रकट होता है कि लड़के-लड़की लगे हैं, जिनमें से कई के माता-पिता तक भारतीय कृषक ऋणभार के नीचे कहाँ तक दबे हुए हैं। अभी ठीक-ठीक उन्हें नहीं पहचान पाये और न उनका उस ऋणभार का जो प्रान्तवार ब्योरा उसमें दिया गया है ठीक पता ही लग सका । जो लड़के मिले हैं, उनमें से वह केवल लिखे हुए ऋण का ब्योरा है। हथउधरा ऋण अधिकांश १५ वर्ष से या इससे ऊपर के हैं, जिन्हें उड़ाये का ब्योरा उसमें शामिल नहीं है। तथापि यह इतना भी हुए १० या इससे भी अधिक साल हो गये। कम त्रासजनक नहीं है। देखिए, किस प्रान्त के किसान सर्वप्रथम इन लड़कों के चुरानेवालों का पता डाबवाली कितना अधिक ऋण-ग्रस्त हैं
(जिला हिसार) में पुलिस को लगा था। इस मामले में प्रांत
रुपया लड़के चुरानेवालों का नेता लछमन भी अभियुक्त है, जिसे बम्बई
८१ करोड ७० साल तथा उसकी पत्नी को ४७ साल की सज़ा मिली मद्रास
१५० करोड़ है। एक दिन लछमन बाज़ार गया और वह तीन लड़कों बंगाल
१०० करोड़ को श्राम की डालियों को गाड़ी पर रखने और हर एक युक्तप्रान्त
१२४ करोड़ को दो-दो पैसे देने का लालच दिखा कर ले गया। इस पञ्चाब
१३५ करोड़ पर डाबवाली के थानेदार ने उसे पकड़ा और भेद खुलने मध्यप्रान्त
२६ करोड़ पर भिन्न-भिन्न स्थानों से १७० लड़के बरामद किये, जो
... १८ करोड़ बेच दिये गये थे। बिहार और उड़ीसा
१५५ करोड़ आशा है, इस मामले के शेप अभियुक्तों को भो अासाम
... २४ करोड़ समुचित दंड दिया जायगा।
... ५० करोड़ इस प्रकार किसानों पर कुल मिलाकर करीब ९ अरब
आचार्य द्विवेदी जी के घर विवाह रुपया कर्ज़ निकला है। इस भयंकर ऋण की चक्की में पूज्यपाद श्राचार्य द्विवेदी जी के भांजे पंडित कमलाभारतीय किसान बेतरह पिस रहे हैं। जब तक यह ऋण-भार किशोर त्रिपाठी की पुत्री का विवाह गत ६ मार्च को दौलतभारतीय किसानों पर है, वे किसी तरह पनप नहीं सकते। पुर में धूम-धाम के साथ होगया। इस विवाह के सर
की पूज्यपाद द्विवेदी जी की बड़ी इच्छा थी और कदाचित् बच्चे चुरानेवालों का मामला
इस लड़की के ही सौभाग्य से आप अपनी पिछली बीमारी पाठकों को याद होगा कि कुछ दिन हुए पंजाब में से बाल बाल बचे हैं। द्विवेदी जी श्री क बच्चों को चुरा ले जानेवालों का एक गिरोह पकड़ा गया उनकी दो बहनों की शादियों के अवसर पर भिन्न-भिन्न था और उनके पास १७० बच्चे पाये गये थे। उस सिल- प्रसंगों के सिलसिले में अपने कुछ पद्य बराबर पढ़ते रहे सिले में ६० श्रादमी पकड़े गये थे और उन पर मामला है। इस विवाहोत्सव पर भी वैसे प्रसंगों पर आपने अपनी चलाया गया था।
रचनाये सुनाई थीं। 'सरस्वती' के पाठकों के मनो- उस ममले की सुनवाई के लिए दो स्पेशल मजिस्ट्रेट . विनोदार्थ वे भिन्न-भिन्न रचनायें हम यहाँ दे रहे हैनियुक्त किये गये थे, जिनमें से एक ने २४ अभियुक्तो को प्रथम दिन भात के समय जो कविता श्रीमान द्विवेदी जी २ वर्ष से लेकर कालेपानी तक की विभिन्न सज़ायें दी हैं। ने सुनाई थी वह यह है४ प्रमुख अपराधियों को ६८ से ७३ वर्ष तक की सजा दी रीति-भौति मैं नहीं जानता, है, जो औसतन २० साल पड़ेगी। ये अभियुक्त मौका
नहीं जानता लोकाचार पाकर दिन और रात में छोटे-छोटे बच्चों को कोई न कोई
कुल, कुटुम्ब, सन्तति का भी है बहाना बना कर फुसला ले जाते तथा उन्हें दूर-दूर प्रान्तों
मुझे नहीं कुछ भी आधार ।
बर्मा
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