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सरस्वती
[भाग ३८
कित था। भारतवर्ष की अच्छी से अच्छी दीपावली का रात्रि के समय मडेरा का दृश्य देखने का अवसर दृश्य उसके सामने फीका प्रतीत होता था । बात यह है कि मिला ही था, पर प्रातःकाल उसकी कुछ और ही शोभा मडेरा एक पहाड़ी स्थान है । फन्चल नगर के पास पहाड़ थी। तट के किनारे सैकड़ों छोटी छोटी नौकाय थीं, जिनमें की उँचाई मजे की है। इसी पहाड़ को काटकर उक्त मडेरा के रहनेवाले व्यापारी लोग बैठे हुए हमारे जहाज़ नगर बसाया ग
या गया है। कई मंज़िले मकानों की तरह ऊपर की ओर पा रहे थे। तट पर जानेवाले जहाज़ क यात्री भी नीचे टेढ़ी-मेढ़ी सड़कें निकाली गई हैं और इन्हीं सड़कों इन्हीं नावों से जाते थे। रात्रि के समय तो प्रकारा की के किनारे मकानों की पत्तियाँ बसो हुई हैं । इन मकानों पंक्तियाँ दीख पड़ती थी, किन्तु दिन में हरी-भरी लताना के विजली की रोशनी से पालोकित होते ही सारे फुन्चल और फूलों से लदा हुया मडेरा अत्यन्त नयनाभिराम जान नगर की पहाड़ी प्रकाश से जगमगा उठती है। थोड़ी दूर पड़ता था । पर खड़े हुए जहाज़ से यह सौन्दर्य और भी अाकर्षक जान पड़ता है। जिन लोगों को योरप जाते समय रात्रि में अदन में रुकने का अवसर मिला होगा वे इस दृश्य का अनुमान सरलता से कर सकते हैं।
डेक पर खड़ा अन्य यात्रियों के साथ फुन्चल की शोभा देख रहा था। सहसा मेरा हाथ काट की पाकेट में गया तब मालूम हुया कि ३ गिल्डर ग़ायब हैं । उसी पाकेट में मेरे ट्रंके की चाभियाँ भी पड़ी हुई थीं। सन्देह हुया कि कहीं और भी रुपये तो ग़ायब नहीं हुए। नीचे कमरे में जाकर जब ट्रक को खोला तव माथा ठनक उठा। मनीवेग गायब देखा । उसी समय मैंने घंटी बजाई और चीफ़ स्टुअार्ड को चोरी के सम्बन्ध में सूचना दी। उसने कैप्टेन का भी इत्तिला दे दी। मेरे कमरे के पास एक जर्मन युवक था। उसकी आकृति और चाल-ढाल से स्पष्ट मालूम होता था कि वह कोई घुटा हुअा चोर है। मेरा सन्देह भी उसी पर था। जहाज़ के कर्मचारियों की भी यही धारणा थी। पर केवल उसी की तलाशी नहीं ली जा सकती थी। __दूसरे दिन प्रातःकाल मेरे क्लास के लोगों को तट पर जाने के लिए मुमानियत कर दी गई। कुछ लोग मामले
मडेरा द्वीप के अन्वेपक ज़ारको की कब्र की असलियत को न जानने से घबराये हुए-से थे कि वे मडेरा स्पेन से दक्षिण-पश्चिम तथा अफ्रीका के उत्तरक्यों तट पर जाने से रोके गये। थोड़ी देर में जहाज़ के पश्चिमीय तट से पश्चिम की अोर एक छोटा-सा द्वीप है, जो तीन-चार अफ़सर आये। मेरे क्लास के सभी कमरों की पोर्चुगाल लोगों के आधिपत्य में है। अटलांटिक महासागर अच्छी तरह तलाशी ली गई । इसमें सन्देह नहीं कि उक्त के पूर्वीय भाग में इसकी स्थिति बड़ी महत्त्वपूर्ण है। योरप जर्मन के कमरे की तलाशी बड़ी सावधानी से ली गई, पर से दक्षिण अमेरिका जानेवाले जहाज़ प्रायः इसी द्वीप से कोई सफलता नहीं प्राप्त हुई । अन्त में मुझे निराश होना गुज़रते हैं, अतः यह जहाज़ों का एक विशेष स्टेशन माना पड़ा और गई हुई चीज़ फिर मुश्किल से हाथ लगती है, जाता है। प्रत्येक वर्ष दक्षिण अमेरिका जानेवालों की यह सोचकर सन्तोष करना पड़ा। तलाशी हो जाने पर संख्या बढ़ती जाती है। हालेंड के रायल नेदरलैंड यात्रियों को तट पर उतरने की आज्ञा मिली।
लाइन ने सस्ते मूल्य पर यात्राओं का प्रबन्ध किया है।
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