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नई पुस्तके
[प्रतिमास प्राप्त होनेवाली नई पुस्तकों की सूची । परिचय यथासमय प्रकाशित होगा
भारती-भण्डार, लीडर-प्रेस, इलाहाबाद से १-राष्ट्रसंघ और विश्व-शान्ति-लेखक, श्रीयुत प्रकाशित २ पुस्तकें
रामनारायण यादवेन्दु, बी० ए०, एल-एल० बी, प्रकाशक, १-कामायनी-लेखक, श्रीयुत जयशंकरप्रसाद, मानसरोवर-साहित्य-निकेतन, मुरादाबाद हैं । मू० ३।।) है। सजिल्द पुस्तक का मूल्य ३) है।
यद्यपि क्रमगति से भारतीय राजनीति का सम्बन्ध २-आधी रात-लेखक, श्रीयुत लक्ष्मीनारायण अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति से निकटतर होता जा रहा है, तथापि मिश्र, बी० ए०, मूल्य १) है।
अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन की ओर हिन्दी-भाषा३--सहेली के पत्र-लेखिका. मिसेज़ सय्यद कासिम भाषी विद्वानों का अपेक्षाकृत कम ध्यान गया है । प्रस्तुत अली, साहित्यालंकार, प्रकाशक, नवलकिशोर-प्रेस, बुकडिपो, पुस्तक के लेखक ने इस गम्भीर पुस्तक-द्वारा हिन्दीवालों लखनऊ हैं । मूल्य ।) है।
का इस सम्बन्ध में निस्सन्देह उपकार किया है । ४-हज़रत मुहम्मद का जीवन-चरित-लेखक, पुस्तक के प्रथम भाग में राष्ट्र-संघ की उत्पत्ति और श्रीयुत पं० सुन्दरलाल, प्रकाशक, दक्षिण-भारत हिन्दी- विकास तथा उसके विधान व्यवस्था का विशद वर्णन प्रचार-सभा, मदरास हैं । मूल्य ।।) है ।
है। द्वितीय भाग में संघ द्वारा किये गये विभिन्न प्रयोग५-मीराबाई नाटक-लेखक, श्रीयुत मुकुन्दलाल प्रयत्नों का वर्णन है । इस भाग में निःशस्त्रीकरण, युद्ध वर्मा, बी० ए०, प्रकाशक, भार्गव-पुस्तकालय, गायघाट, का मूल-कारण और उसका निराकरण, फेसिज़्म और बनारस हैं । मूल्य ||-) है।
साम्यवाद आदि विषयों का पाण्डित्यपूर्ण विवेचन किया ६-मिश्रबन्धुप्रलाप-(प्रथम भाग) निर्माणकर्ता गया है । इसके अतिरिक्त परिशिष्ट में संघ का विधान, श्रीयुत नारायणप्रसाद 'बेताब', प्रकाशक, महामंत्री कवीन्द्र उसके सदस्य और उनका वार्षिक शुल्क आदि का ब्योरा 'राम', सम्पादक ब्राह्मण राय पत्रिका, पटियाला स्टेट हैं। दिया गया है। मूल्य ॥) है।
___ इस ग्रन्थ के पढ़ने से जान पड़ता है कि लेखक ने -गीत-लेखक व प्रकाशक, श्रीयुत बालकृष्ण विश्व-समस्यायों का गम्भीर अध्ययन किया है। उनके बलदुवा, बी० ए०, एल-एल० बी०, बेलदार फाटक लिखने की शैली भी सुन्दर है। लेखक के निर्णयात्मक चौरस्ता, ५७/१२३ सिरकी मुहाल, कानपुर हैं। व्यक्तिगत विचारों ने पुस्तक का पाठ अधिक मनोरंजक
८-प्रकाश के कुछ किरण-संकलयिता, श्रीयुत बना दिया है। श्रीरामरत्नदास 'तरुण', प्रकाशक, श्रीरामानन्द-मिशन, ऐसी पुस्तक में विषय-सूची, अनुक्रमणिका अादि का नासिक हैं । मूल्य -॥ है।
न रहना खटकता है। श्री सम्पूर्णानन्द की भूमिका का भी ९-चेचक या शीतला से बचने के उपाय- पता-ठिकाना नहीं। प्रकाशक ने छपाई-सफ़ाई की ओर लेखक, गोस्वामी सीताराम शर्मा वैद्य विशारद, श्रीमती सतर्कता से ध्यान नहीं दिया। तथापि पुस्तक उपयोगी
आनन्ददेवी-धर्मार्थ-अौषधालय, बरफ़ख़ाना, अलीगढ़ हैं। है और हिन्दी-प्रेमियों को इसे अपनाना चाहिए। बिना मूल्य वितरणार्थ।
२- हिटलर महान्-लेखक, श्रीयुत चन्द्रशेखर शास्त्री, प्रकाशक, भारती-साहित्य-मन्दिर, देहली हैं । मूल्य ३) है ।
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